सोमवार, 7 अक्टूबर 2019

राँची की दुर्गा पूजा : आज बारी रातू रोड की Ratu Road Durga Puja 2019

दुर्गा पूजा पंडाल परिक्रमा में आज बारी है रातू रोड के पंडाल की जहाँ सड़क के किनारे एक विशाल रथ के अंदर माँ दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गयी है।  रातू रोड का पंडाल राँची के सबसे पुराने पंडालों में से एक है। ये वही इलाका है जहाँ यहाँ के प्राचीन नागवंशी राजवंश के अंतिम महाराज रहा करते थे। इसी वंश की एक रानी लक्ष्मी कुँवर ने जो बंगाल से थीं यहाँ 1870 ई से दुर्गा पूजा की परंपरा शुरु कराई।

रातू रोड पूजा पंडाल
इस साल इस पंडाल में भ्रूण हत्या और स्त्रियों पर हो रहे अत्याचारों को पंडाल की थीम बनाया गया है। बाहर से इस सजीले रथ को तो बाजे गाजे के साथ हाँका जा रहा है पर अंदर सर्प सरीखी कुप्रथाओं को स्त्री का अस्तित्व मिटाते दिखाया गया है। स्त्रियों पर होते जुल्म को देखकर माँ ने अपनी आँखे अधमुँदी कर रखी हैं।

पंडाल के बाहरी भाग को पीले और लाल रंग के समायोजन से सजाया गया है। अगर ध्यान से देखेंगे तो सारी आकृतियाँ पीले रंग के रेशे से बनी दिखेंगी। तो आइए चलें इस पंडाल की परिक्रमा पर

ऊपर बजती शहनाई, शादी की वेला आई


वर वधू को ले जाते रथ का चित्रण



रथ का पहिया और डफली बजाते भइया
क्या आपने कभी सोचा है कि पुराने तालों का इस्तेमाल भी सजावट के लिए हो सकता है?
और ये रही सुसज्जित पालकी...
वाद्य वृंद

रथ के साथ एक फ्रेम में आने की कोशिश करता मैं
भ्रूण हत्या को निरूपित करता पंडाल का अंदरुनी हिस्सा

आर्गेनिक पेंट से बनाई गयी मिट्टी की प्रतिमा

नारी जाति के कष्ट से द्रवित माँ की अधमुँदी आँखें

राँची दुर्गा पूजा की पंडाल परिक्रमा 2019
कैसा लगा आपको ये पंडाल?  अगर आपको मेरे साथ सफ़र करना पसंद है तो Facebook Page Twitter handle Instagram  पर अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराना ना भूलें।

12 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तर
    1. शुक्रिया रुचिरा! पंडालों में घूमने की लत बचपन से लगी हुई है। बड़ी खुशी मिलती थी इनकी कलात्मकता को देखने समझने में। बस वही आनंद आप सब तक पहुंचाने की कोशिश में हूं अपने कैमरे के ज़रिए :)

      हटाएं
  2. उत्तर
    1. हां, रात में इसकी खूबसूरती देखते ही बन रही थी!

      हटाएं
  3. बहुत सुंदर,कलात्मक और संदेश परक भी...������

    जवाब देंहटाएं
  4. आज के हिसाब से बहुत सार्थक सन्देश के साथ खूबसूरत सजावट!!

    जवाब देंहटाएं
  5. उत्तर
    1. शुक्रिया..पिछली कुछ रातें माँ के दर्शन में ही कटी हैं।

      हटाएं