पंडाल परिक्रमा की अंतिम कड़ी में आपको दिखाते हैं राँची के अन्य उल्लेखनीय पंडालों की झलकियाँ। रेलवे स्टेशन, रातू रोड, ओसीसी व बकरी बाजार के बाद जिन पंडालों ने ध्यान खींचे वो थे बाँधगाड़ी, काँटाटोली व हरमू के पंडाल।
बाँधगाड़ी में दुर्गा जी के आसपास कहीं भी महिसासुर की छाया तक नहीं थी। सारे शस्त्र माता के हाथों में ना होकर चरणों में दिखे। माता के मंडप में सर्व धर्म समभाव दिखाने के लिए विभिन्न धर्मों के प्रतीक चिन्हों का प्रयोग किया गया था।
बाँधगाड़ी में दुर्गा जी के आसपास कहीं भी महिसासुर की छाया तक नहीं थी। सारे शस्त्र माता के हाथों में ना होकर चरणों में दिखे। माता के मंडप में सर्व धर्म समभाव दिखाने के लिए विभिन्न धर्मों के प्रतीक चिन्हों का प्रयोग किया गया था।
बाँधगाड़ी के पंडाल में शस्त्र विहीन दुर्गा शांति का संदेश देती हुई |
कांटाटोली में माँ दुर्गा की प्रतिमा |
वहीं काँटाटोली के दुर्गापूजा पंडाल में चित्रकला के माध्यम से रामायण की कथा का निरूपण किया गया था। पंडाल का ये स्वरूप छोटे बड़े बच्चों को काफी आकर्षित कर रहा था।
राँची दुर्गा पूजा की पंडाल परिक्रमा 2019
आज जब एक अभिनेत्री ये नहीं बता पाती हैं कि संजीवनी पर्वत पर हनुमान किसके लिए बूटी लाने गए थे, तो देश में उसे मुद्दा बना लिया जाता है। हमलोग छोटे थे तो ये कहानियाँ कामिक्स और टीवी सीरियल के माध्यम से हमारी स्मृतियों में रोप दी गयी थीं पर आज कल के मोबाइल युग में पढ़ाई के इतर जो कुछ और परोसा जा रहा है उसमें हमारी संस्कृति के कितने अवयव समाहित हैं ये सोचने का विषय है।
यहाँ सजावट थी चित्रकला के माध्यम से... |
....रामायण के विविध प्रसंगों की |
कांटाटोली में कुछ यूँ दिखी...... |
......रामायण की कहानी |
हरमू पंच मंदिर में देवी दुर्गा |
हरमू पंच मंदिर : मानव जाति के विकास से विनाश की गाथा का चित्रण |
जलवायु परिवर्तन से पिघलती बर्फ |
बाँधगाड़ी में यूँ सजी थी दुर्गा जी
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हरमू में जलवायु में बदलाव से दुखी पृथ्वी के दर्द का चित्रण था तो वहीं कोकर में पूरा का पूरा पहाड़ ही बना था केदारनाथ के निरूपण के लिए। सत्य अमर लोक में छटा थी थाइलैंड के प्रसिद्ध सफेद मंदिर की तो सेल टाउनशिप देश के पश्चिमी छोर पर स्थित द्वारकाधीश मंदिर को अपने यहाँ खींच लाया था।
सत्य अमर लोक की प्रतिमा |
कोकर में था केदारनाथ की त्रासदी का चित्रण |
श्यामली का पंडाल कभी इसी इलाके में रहा करता था धोनी का परिवार |
श्यामली की दुर्गा जी |
मेरे मोहल्ले यानी सेल टाउनशिप में थी गुजरात के द्वारकाधीश मंदिर की झलक |
आशा है राँची की ये दुर्गा पूजा पंडाल परिक्रमा आप सबको पसंद आयी होगी। माँ दुर्गा के विसर्जन के साथ आज ये उत्सव तो समाप्त हो गया पर अब अगले हफ्ते एक संगीत उत्सव की तैयारी है। उस उत्सव के बाद फिर मिलेंगे आपसे यात्रा से जुड़ी एक किताब का जिक्र लेकर !
राँची दुर्गा पूजा की पंडाल परिक्रमा 2019
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शुक्रिया आपका मनीष जी , राँची की बेहद खूबसूरत , भव्य, और परंपरागत पूजा के दर्शन कराने के लिए। बहुत बढ़िया फोटोग्राफी की है और बहुत मेहनत की है आपने हम तक पहुंचाने में। बहुत बहुत शुभकामनाएं । जय माँ दुर्गे।
जवाब देंहटाएंआपकी इस उत्साहवर्धक टिप्पणी को पढ़ कर यही कहेंगे कि मेरी मेहनत रंग लाई :)
हटाएंबहुत सुंदर तस्वीरें.. पूर्ण विवरण सहित..मानों हम भी आपके साथ राँची में दुर्गा मैया के पंडाल में घूम रहे हों.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद इस यात्रा में साथ बने रहने के लिए !
हटाएंसुन्दर पंडाल और अतिसुन्दर सुस्पष्ट फोटोग्राफी।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया !
हटाएंVery beautiful.
जवाब देंहटाएंThanks !
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