राँची में दुर्गा पूजा की धूमधाम शुरु हो गयी है। षष्ठी और सप्तमी को राँची के पंडालों को देखने के बाद मैं आपके सामने ला रहा हूँ इस साल के चार शानदार पंडालों की झलकियाँ। शुरुआत राँची रेलवे स्टेशन के पंडाल से जो विगत कुछ वर्षों से अपनी कलात्मकता के लिए जाना जाता रहा है।
इस बार लगातार बारिश होने की वज़ह से राँची के ज्यादातर पंडाल षष्ठी को खुले। राँची रेलवे स्टेशन के पंडाल में सप्तमी के बाद इतनी भीड़ हो जाती है कि ढंग से यहाँ की कलाकृतियों को निहारना भी मुश्किल होता है। यही सोचकर मंडप के पट खुलने के कुछ घंटे बाद ही मैं वहाँ जा पहुँचा। भीड़ तो थी पर इतनी नहीं कि धक्का मुक्की हो।
इस साल पंडाल में दक्षिण भारतीय राज्य केरल की संस्कृति को वहाँ के नृत्यों के माध्यम से उकेरा गया है। चार महीने और 36 लाख रुपये में बने इस पंडाल में माता के दरबार को कैसे सजाया गया है चलिए देखते हैं चित्रों की इस झाँकी में।
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मुख्य द्वार के सामने स्वागत करता कथकली नर्तक |
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मंडप का मुख्य द्वार |
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देखा आपने पेड़ पर कौन चढ़ रहा है? |
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मोहनीअट्टम, भरतनाट्यम व कथकली नृत्य की अनेकानेक मुद्राएँ उकेरी गयी यहाँ पूजा मंडप की दीवारों पर इन प्रकाशित डफलियों में |
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कथकली नर्तक कुछ अन्य भंगिमाओं के साथ |
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माँ दुर्गा की प्रतिमा सबरीमाला मंदिर के प्रारूप के अंदर |
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इन खूबसूरत मूर्तियों के मुख्य शिल्पकार हैं वुशु राय |
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बाहर की सजावट |
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गोल घूमते गुम्बद से निकलता माँ का एक और रूप |
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नृत्य में प्रयोग होने वाली हाथों की भंगिमाएँ |
राँची दुर्गा पूजा की पंडाल परिक्रमा 2019
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बचपने में हम सभी बुंडु से राँची जाते थे उठकर घूमने दुर्गा पूजा। पुरानी यादें बेहद स्पर्शी हैं।
जवाब देंहटाएंइस बार आपको नहीं जाना पड़ेगा। अपनी फेसबुक वाल पर ही करा देंगे आपको राँची के पंडालों की सैर। मुझे भी बचपन में पटना में की गयी पंडाल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की यात्रा यूँ ही याद आती है।
हटाएंबहुत खूबसूरत तस्वीरें!! इस बार पटना की पूजा थोड़ी फ़ीकी है! राँची की अगली तस्वीरों का इंतज़ार रहेगा
जवाब देंहटाएंतस्वीरें पसंद करने के लिए शुक्रिया ! हाँ इतने कष्ट में रहा पटना तो उल्लास में कनी तो होगी ही।
हटाएंसुन्दरतम प्रस्तुति!जय-जय माँ
जवाब देंहटाएंजय माँ दुर्गे !
हटाएंApke Durga Puja sambandhi post ka hamein intezar bhi tha. Bahut bahut dhanyavad.
जवाब देंहटाएंसाथ बने रहें अभी और कड़ियाँ भी आएँगी।
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