राँची के सबसे नामी पंडालों में बकरी बाजार अग्रणी हैं। सामान्यतः यहाँ के पंडाल अपनी विशालता और वैभव के लिए ज्यादा और महीन कलाकारी के लिए कम जाने जाते हैं। इस बार यहाँ सतरंगा पंडाल सजा जिसकी थीम थी बढ़ती जनसंख्या के बीच आम जनों का संघर्ष !
रंगों से भरे पंडाल में अपनी बात कहने में आयोजक कितने सफल हुए हैं देखिए आज इस झाँकी में..
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बकरी बाजार का काल्पनिक इंद्रधनुष |
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उल्लू तो लक्ष्मी जी का वाहन था पर यहाँ दुर्गा पंडाल का सारथी बन बैठा है |
पंडाल में इन्द्रधनुष के नीचे जो सैकड़ों हाथ दिख रहे हैं वो बढ़ती जनसंख्या के प्रति आयोजकों की चिंता को व्यक्त करते हैं। इन सारे लोगों के लिए हर दिन संघर्ष का है जो लोग इस वैतरणी को पार कर जीवन में सफल हुए उनमें सर कुछ के चित्र एक कोलॉज के माध्यम से ऊपर टाँके गए हैं।
ये दिखाने की कोशिश की गयी है कि इतनी भीड़ में कुछ ही सफलता का स्वाद चढ़कर प्रशस्ति की नाव पर सवार हो सकेंगे।
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मेकेनिकिल इंजीनियर के यंत्र गियर की सजावट के बीच निखरती चित्रकला |
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चौंक गए ना? |
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मिठाई के खाली डिब्बों से सजी हैं यहाँ पंडाल की दीवारें। |
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माँ दुर्गा के हाथ की उँगलियाँ यहाँ गतिमान धर्मचक्र की मुद्रा में हैं |
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पंडाल की छत पर सतत संघर्ष करने वाले प्रतीक के रूप में मकड़ियों को दिखाया गया है |
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पूरे पंडाल के पीछे गगनचुंबी इमारतों को दिखाने का प्रयास जो बढ़ती आबादी का प्रतीक है।
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ये परिक्रमा थी राँची के इस साल के चार सबसे बेहतरीन पंडालों की। इस शृंखला की आख़िरी कड़ी में दिखाएँगे आपको शहर के अन्य उलेलेखनीय पंडालों की छोटी छोटी झलकियाँ। विजयदशमी की ढेर सारी शुभकामनाएँ आप सभी को !
राँची दुर्गा पूजा की पंडाल परिक्रमा 2019
Kya khoob Raunak rahi hogi.
जवाब देंहटाएंहाँ,अब तो लोगों के उत्साह का आलम ये है कि पूजा मंडप के पट पंचमी से ही खुल जाते हैं।
हटाएंबहुत प्यारा..
जवाब देंहटाएंधन्यवाद !
हटाएंVery nice photography and decorations.
जवाब देंहटाएंThanks
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