मंगलवार, 9 फ़रवरी 2016

आइए ले चलें आपको कोलकाता के भव्य स्वामीनारायण मंदिर में ! Swaminarayan Temple, Kolkata

स्वामीनारायण सत्संग एक ऐसी धार्मिक संस्था है जिसने दुनिया के कोने कोने अमेरिका, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, केन्या,, तंजानिया, सेशल्स, मारीशस, फिजी या यूँ कह लें कि संसार की वो सारी जगहें जहाँ भारतीय आ कर बसे हैं में अपने मंदिरों का निर्माण किया है। । भारत में स्वामीनारायण संप्रदाय के सबसे ज्यादा मंदिर गुजरात में हैं। सबसे पहली बार किसी स्वामीनारायण मंदिर को देखने का मौका मुझे पन्द्रह साल पहले गाँधीनगर के अक्षरधाम को देख कर मिला था। क्या भव्य मंदिर था वो। तकनीक व सुंदरता का अद्भुत समन्वय। मुख्य मंदिर पहुँचने के रास्ते में स्वामीनारायण सम्प्रदाय के बारे में आडियो विसुअल शो का प्रस्तुतिकरण बड़ा प्रभावी लगा था तब।

BAPS Swaminarayan Temple, Kolkata स्वामीनारायण का भव्य मंदिर , कोलकाता
पिछले दिसंबर में कोलकाता जाना हुआ तो योजना बनी कि डॉयमंड हार्बर चला जाए। डायमंड हार्बर कोलकाता के  मुख्य शहर से करीब 50 किमी दूर है और स्वामीनारायण का ये मंदिर  इसके ठीक बीचो बीच पड़ता है। यानि आप डायमंड हार्बर जाते या लौटते हुए इस मंदिर को देख सकते हैं।


डायमंड हार्बर से चार बजे लौटकर जब हम वहाँ पहुँचे तो सूर्य बादलों के पीछे छुप चुका था। दिसंबर का आख़िरी सप्ताह होने के कारण परिसर में सैलानी अच्छी खासी संख्या में मौज़ूद थे। मुख्य मार्ग से अंदर घुसते हुए मंदिर के दोनों ओर जाने के गलियारे बने हुए हैं। स्तंभों और गुम्बदनुमा छतरियों से सुस्ज्जित इन गलियारों पर चलकर आप बाहर बाहर मंदिर की परिक्रमा कर सकते हैं। पर उस दिन इन गलियारों की ओर जाते रास्ते को मंदिर प्रबंधन ने बंद कर रखा था।



पूरे मंदिर का स्थापत्य मुझे हिंदू, जैन व कुछ हद तक मुगलकालीन स्थापत्य का मिश्रण लगा।


गलियारे उनके ऊपर की छतरियाँ, बाग व साथ में सरोवर, ऐसा लगता था मानो किसी शाही महल में विचरण कर रहे हों। पर वही स्तंभों और मेहराब पर जैन मंदिरों की वास्तु कला की  पूरी  छाप थी।

Shikhar of the temple मंदिर का शिखर
हिंदू रीति से बने त्रिकोण शिखरों के साथ गुंबदनुमा शिखरों का मेल अनोखा लग रहा था।


सीढियाँ चढ़कर मैं जैसे ही मंदिर के मुख्य आहाते में आया मुझे रानकपुर और दिलवाड़ा के मंदिरों की याद आ गई। आज के दिन में उस कोटि का पत्थरों पर महीन काम तो संभव नहीं फिर भी मंदिर में मेहराब, स्तंभों और छत में पत्थरों को काट काट कर की गई नक्काशी मन को मोहित जरूर कर देती है।

Stonework in the roof of the temple मंदिर की छत पर पत्थरों को काट कर दिया गया रूप !

Beautiful pillars and arches of the temple मंदिर के खूबसूरत स्तंभ व मेहराबें

ढलती शाम जलती रोशनियाँ
मंदिर के मुख्य कक्ष की ओर ले जाता मेहराबों का जाल
मंदिर में कैमरे लाने की पाबंदी तो नही पर ये जरूर लिखा है कि यहाँ आते वक़्त खुले कंधे या छोटी पतलून में आना वर्जित है। सुनने को तो ये भी मिला कि ज्यादा भीड़ होने पर मुख्य मंदिर में फोटो खींचने की मनाही भी कर देते हैं। मैंने  बस एहतियात ये रखा कि मूर्तियों की तस्वीर ना खीचूँ और बाकी तसवीर लेने में किसी ने टोंका भी नहीं।

मंदिर की बाहरी दीवारों पर बनी तुलसीदास व सूरदास की छवियाँ
मंदिर के भू तल पर स्वामीनारायण सत्संग द्वारा आयोजित कार्यक्रम होते हैं। मंदिर के बाहर निकलने के रास्ते में एक किताब की बड़ी सी दुकान है जहाँ आप इस संप्रदाय से जुड़े साहित्य से परिचित हो सकते हैं। थोड़ी उत्सुकता हुई जानने कि आखिर इस सत्संग को मानने वाले लोगों के मूल विचार क्या हैं?

मंदिर का खूबसूरत प्रांगण
बड़ों का आदर करना, सभी धर्मों का सम्मान, भगवान, गुरु व ग्रंथों पर आस्था, सहिष्णुता, अनेकता में एकता, भक्ति ,समर्पण और त्याग की भावना का विकास व मिल जुल कर काम करना !  इन सारी बातों से बला किस इंसान को बैर हो सकता है?


मुझे हमेशा ऐसे मंदिरों में जाना अच्छा लगता रहा है जो कलात्मक ढंग से बनाए गए हों। जहाँ शोर शराबा और रीति रिवाज़ों का आडंबर ना हो और आप सुकून से भगवन को याद कर सकें। कुछ पल के लिए अपने आसपास के जगत को भूल कर ध्यान में तल्लीन हो सकें। कहना ना होगा इस मंदिर का माहौल मेरे मन मुताबिक निकला।

Foot steps of Swami Narayan स्वामीनारायण के पदचिन्ह
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18 टिप्‍पणियां:

  1. Thanks for informative article,really the photos are looking gorgeous,peaceful place,thanks for your article..

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  2. जल्द ही किसी दुसरे या चौथे शनिवार को जाने का मौका निकालेंगे

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  3. ऐसे मन्दिर अच्छे लगते है । साफ सुधरे, कम भीड़ भाड़ , सुंदर इमारत

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  4. मनीष जी हम कलकते रहकर नहीं जा पाये और आप बाहर से देख लिए ।

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  5. अच्छा वर्णन किया है... धन्यवाद

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  6. Never heard or read about this here in Kolkata. Thank you. Looking forward to visit soon.

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  7. पिछले सितम्बर की कोलकाता यात्रा में मिस कर गया.. अगली बार जरूर जाऊंगा ..जानकारी देने के लिया सादर आभार..

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    1. हाँ जरूर और इसके साथ में तुम डायमंड हार्बर भी देखते हुए एक दिन में आ सकते हो।

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  8. अपने यात्रा की स्मृतियाँ सांझा करने के लिए धन्यवाद्। उपरोक्त जानकारियाँ निश्चित ही कोलकाता जाने वालों के लिए सहायक होंगी। साथ हे जो फोटोग्राफ्स आपने पब्लिश किये है वो भी लाजवाब हैं।
    NainitalOnline
    धन्यवाद।

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