नदियाँ शहर की सुंदरता को तब और बढ़ा देती हैं जब वो शहर के बीचो बीच से गुजरती हों। हाल फिलहाल में लंदन में टेम्स और पेरिस में सीन के अगल बगल बिखरी सुंदरता तो देख चुका हूँ। पर आज ऐसे ही एक नदी के किनारे बसे शहर की बात करूँगा जो भारत से ज्यादा दूर भी नहीं है और जहाँ की एक शाम मैंने उसी नदी के साथ गुजारी थी।
वो शहर था बैंकाक और वो नदी थी चाओ फराया।
चाओ फराया थाइलैंड की एक प्रमुख नदी है जो इसके केंद्रीय मैदानी भाग से दक्षिण की ओर बहती हुई थाइलैंड की खाड़ी में जा मिलती है। इस नदी के किनारे थाइलैंड के कई नए पुराने शहर बसे हुए हैं जिनकी समृद्धता की वज़ह नदी मार्ग से होने वाले व्यापार की सहूलियत थी। जब थाइलैंड स्याम के नाम से जाना जाता था तब भी यही नदी इसकी प्राचीन राजधानी अयुथ्या से समुद्र तक के व्यापार मार्ग का साधन थी।
चाओ फराया थाइलैंड की एक प्रमुख नदी है जो इसके केंद्रीय मैदानी भाग से दक्षिण की ओर बहती हुई थाइलैंड की खाड़ी में जा मिलती है। इस नदी के किनारे थाइलैंड के कई नए पुराने शहर बसे हुए हैं जिनकी समृद्धता की वज़ह नदी मार्ग से होने वाले व्यापार की सहूलियत थी। जब थाइलैंड स्याम के नाम से जाना जाता था तब भी यही नदी इसकी प्राचीन राजधानी अयुथ्या से समुद्र तक के व्यापार मार्ग का साधन थी।
River City Shopping Complex, Bangkok |
आज चाओ फराया बैंकाक शहर को पूर्वी और पश्चिमी हिस्से में बाँटती है। नदी के
पूर्वी हिस्से की ओर आज का आधुनिक बैंकाक फैला हुआ है। शहर के सभी प्रमुख शॉपिंग मॉल व् मेट्रो सेवा इसी इलाक़े में पड़ते हैं जबकि इसका पश्चिमी
पुराना इलाका चाइना टाउन, फूलों के बाजार और वाट अरुण के लिए जाना जाता है।
बैंकाक में मैं वहाँ के व्यस्त इलाके सुखमवित में ठहरा हुआ था। शाम को वहाँ से चाओ फराया नदी तक पहुँचने के लिए हमें रिवर सिटी शापिंग कॉम्पलेक्स के पास पहुँचना था जो वहाँ के शांगरी ला होटल के करीब है। इसी कॉम्पलेक्स से डिनर क्रूज के लिए जहाज चलते हैं। अपने होटल से निकलते ही हम बेंकाक के जाम में फँस गए। दिल्ली व कोलकाता की व्यस्त सड़कें तुरंत याद आ गई जहाँ भीड़ भाड़ के समय ट्रैफिक चींटी की तरह रेंगता है।
बैंकाक में मैं वहाँ के व्यस्त इलाके सुखमवित में ठहरा हुआ था। शाम को वहाँ से चाओ फराया नदी तक पहुँचने के लिए हमें रिवर सिटी शापिंग कॉम्पलेक्स के पास पहुँचना था जो वहाँ के शांगरी ला होटल के करीब है। इसी कॉम्पलेक्स से डिनर क्रूज के लिए जहाज चलते हैं। अपने होटल से निकलते ही हम बेंकाक के जाम में फँस गए। दिल्ली व कोलकाता की व्यस्त सड़कें तुरंत याद आ गई जहाँ भीड़ भाड़ के समय ट्रैफिक चींटी की तरह रेंगता है।
Route followed in Chao Pharaya dinner cruise from River City to Rama VIII bridge. |
बहरहाल हमारे टूर आपरेटर ने इतना समय का फासला दे रखा था कि वहाँ पहुँच कर कुछ समय शॉपिंग मॉल में खरीदारी के लिए निकाल सकें। खरीदारी तो हमने की नहीं। बस दुकानों के बाहर डोलते रहे। वहाँ और कुछ तो नहीं पर रंग बिरंगा उल्लू मुझे बड़ा पसंद आया।
Beautifully made owl in River City Shopping Complex |
रिवर सिटी में उस वक़्त खासी चहल पहल थी। अलग अलग समूहों में आए लोग बारी बारी से अपनी नौकाओं का इंतज़ार कर रहे थे। यात्री आपस में मिल ना जाएँ इसलिए सभी कंपनियाँ अपने अपने स्टिकर को हमारी अच्छी खासी ड्रेस पर चिपकाकर उसका सत्यानाश किए दे रही थीं। ख़ैर लोगों का ध्यान स्टिकर से ज्यादा उन्हें लगाने वाली कन्याओं पर था और उनके साथ वे फोटो खिंचवा कर निहाल हुए जा रहे थे। ज़ाहिर था उनमें से ज्यादा भारतीय थे।
रात के आठ बजे हमारी फेरी का आगमन हुआ। अंदर का माहौल ऐसा था कि लगा एक भारतीय रेस्ट्राँ में आ गए हों। सारे भारतीयों को लगता है एक ही फेरी में डाल दिया गया था। सो खाना भी भारतीय और संगीत भी। अपनी जगह लेने के बाद ऐसा लगा कि जो आनंद डेक से चाओ फराया को देखने में आएगा वो रेस्त्राँ के केबिन से कहाँ...
रात के आठ बजे हमारी फेरी का आगमन हुआ। अंदर का माहौल ऐसा था कि लगा एक भारतीय रेस्ट्राँ में आ गए हों। सारे भारतीयों को लगता है एक ही फेरी में डाल दिया गया था। सो खाना भी भारतीय और संगीत भी। अपनी जगह लेने के बाद ऐसा लगा कि जो आनंद डेक से चाओ फराया को देखने में आएगा वो रेस्त्राँ के केबिन से कहाँ...
Well decorated ferries from River City pier |
डेक तक पहुँचे ही थे कि तुरंत वाट कनलायनमित मंदिर समूह से जुड़ा स्तंभ दिख गया। वैसे अगर आप मेरे इस वाट शब्द के प्रयोग से चौंक रहे हों तो ये बता दूँ कि थाइलैंड में मंदिर को वाट कहा जाता है।
सफेद रोशनी से नहाए इस स्तंभ का आधार तो सामने की इमारतों से ही छुप रहा था पर मैंने इसके ऊपरी सिरे को ही कैमरे की फ्रेम के अंदर रखा।
Wat Kanlayanamit |
ग्रैंड पैलेस Grand Palace night view |
फेरी के अंदर का माहौल भी जमने लगा था। हमारी थाई मेजबान जय हो... का गान कर रही थी और मस्ती में डूबे जोड़े उसके आस पास थिरक रहे थे। थोड़ी देर भोजन के साथ मैंने भी गीत संगीत का आनंद उठाया और फिर नदी के साथ चलते शहर पर अपनी नज़रे फिर से टिका दीं। अब नदी के पूर्वी हिस्से में राजा का जगमगाता महल दिख रहा था और उसके साथ लगा एमरेल्ड बुद्ध का मंदिर
Grand Palace and Wat Phra Kaew |
पर चाओ फराया नदी से जो सबसे सुंदर दृश्य दिखाई देता है वो है राम VIII के पुल जो इसी नाम के राजा के सम्मान में नब्बे के दशक की आख़िर में बना था। एक स्तंभ में बँधे मोटे तारों से बना ये पुल सुनहरी रोशनी में अपने एक ऐसे रूप का दर्शन कराता है जिसे देख आँखें ठिठक जाती हैं।
Rama VIII Cable Stayed Bridge |
पुल के दूसरी तरफ़ आकर हमारी फेरी वापसी के लिए मुड़ गई। इस पूरी यात्रा में डेढ़ घंटे से ज्यादा का समय लगा।
Rama VIII Cable Stayed Bridge from other side |
Hotel Shangari La near River City Shopping Complex |
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थाईलैंड के शानदार नजारों ने मन मोह लिया !!
जवाब देंहटाएंजानकर प्रसन्नता हुई।
हटाएंआपके यात्रा वृत्तांत शानदार होते हैं...
जवाब देंहटाएंशुक्रिया प्रशांत !
हटाएंचलो आपके साथ चाओ फराया का सैर भी कर ली।
जवाब देंहटाएंसैर तो ख़ैर होती ही रहेगी यूँ ही साथ बने रहें। :)
हटाएंpriya bandhu, apka blog dekha. bahut achha prayas hai. ham laghu hindi samachar patron hetu feature agency chalate hain aur aapke purv prakashit blog apni sewa se prasarit karna chahenge. lekh aapke naam sahit prakashit honge aur sab prakashit cuttings aapko bhijwai jayengi. kripya apni sahmati pradan karen. hamara e mail address hai feature@rediffmail.com, yuvrajfeatures@gmail.com
जवाब देंहटाएंशुक्रिया मेरे इस प्रयास की सराहना करने के लिए!
हटाएंइस ब्लॉग के किसी भी लेख का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है।
Bilkul aisa maine bhi anubhav kiya tha when I took the night cruise on Chao Pharaya Rive. Indian food, Indian music and Indian mannerisms. Aapko padhne ke baad lag raha hai jaise hum dono ek he cruise par the.:)
जवाब देंहटाएंReally..so at least we have done this virtual journey together smile emoticon :)
हटाएंरौशनी में जगमगाते हुए बड़े शहरों के मध्य बहती हुयी नदियां की छटा रात के समय अपने पूरे शबाब पर रहती हैंऐसे में अगर कोई क्रूज़ मिल जाये तो सुंदरता और आंनद में चार चाँद लगने तो स्वभाविक ही हैं।बहुत बढ़िया पोस्ट
जवाब देंहटाएंहाँ वो तो है..बस एक मुगालता रहा कि वाट अरूण की रौशनी के साथ सजावट हम नहीं देख पाए !
हटाएंचाओ फराया नदी का यह सफर बहुत अच्छा लगा। थाइलैंड के सुंदर फोटोग्राफ देखकर मन प्रसन्नचित हो गया।
जवाब देंहटाएंजानकर खुशी हुई।
हटाएंआपके फोटोग्राफ्स तो बहुत ही लाजवाब हैं। वैसे थाईलैंड जाने के लिए सबसे अच्छा मौसम कौन सा है?
जवाब देंहटाएंअगस्त सितंबर में वहाँ बारिश होती है पर पैकेज सस्ते मिलते हैं। बारिश अक्टूबर के पहले दो हफ्तों तक कभी कभी खिंच जाती है। हम अक्टूबर में ही गए थे पर संयोग से बारिश ने आठ दिनों में सिर्फ एक दिन परेशान किया। वैसे थाइलैंड जाने का सबसे बढ़िया समय नवम्बर से फरवरी है।
हटाएंचित्र पसंद करने का शुक्रिया !
jankari dene ke liye dhanyawad
हटाएंBadiya yatra vratant... Chao Phraya river is amazing with so much action happening on her banks...
जवाब देंहटाएंHi,
जवाब देंहटाएंI happened to visit your blog, translated to English and understand it is one of the best written live travel blog , Truly I feel like iam in the destination and your blog is providing guidance. Well written blog.
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