फुकेट की यात्रा के समापन के बाद आपसे वादा किया था भारत के पश्चिमी समुद्र तट के दर्शन कराने का। पर क्या करूँ एक तो
एक शाम मेरे नाम पर चल रही
वार्षिक संगीतमाला की व्यस्तताएँ तो दूसरी ओर कार्यालयी दौरों की वज़ह से आजकल फुर्सत के क्षण निकालना दुष्कर हो गया है। वक़्त भले लिखने को कम मिल रहा है पर अपना कैमरा तो हर समय तैयार रहता है प्रकृति के आकर्षक रूपों को आप तक पहुँचाने के लिए।
जाड़े ने अब तो वापसी कर ही ली है और वसंत बड़े प्यार से हमारे शहर में दस्तक दे रहा है तो मैंने सोचा क्यूँ ना अपने शहर के इस वासंती रूप की एक झलक आपको दिखलाता चलूँ। फूलों के ये चित्र मैंने पिछले दो महीनों में अलग अलग समय पर लिए हैं और तकरीबन सारे चित्र मोबाइल कैमरे के हैं। कोशिश की है की दिल की वादियों में फूलों के ये तिलस्मी रूप जो जादू जगाते हैं उन्हें कुछ अपनी और कुछ नामाचीन शायरों की पंक्तियों में बाँध सकूँ। तो आइए मेरे साथ चलिए फूलों की इस दुनिया की छोटी सी एक सैर पर..
|
सफेद पंखुड़ियों की कोर में उभरता हरे का अक़्स... उसकी सुंदरता में चार चाँद लगाता हुआ |
|
खिलती कलियों से रौशन आबोदाना था..क्या कहूँ कितना खूबसूरत उनका ये नज़राना था ! |
|
काँटे ही किया करते हैं फूलों की हिफाज़त.. फूलों को बचाने कोई माली नहीं जाता |
|
पीले के संग धानी ...जैसे निखरी धूप के आँगन में कलकल बहता पानी |
|
पीले रंग में रंग दे चुनरिया मैं पी की हो जाऊँ.. भौंरे पिया को रूप का अपने यूँ रसपान कराऊँ |
|
अधखुले सुर्ख लाल होठों का बुलावा आ गया..देखो देखो मेरा चाहनेवाला आ गया |
|
गुलों मे रंग भरे, बाद-ए-नौबहार चले...........चले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले |
|
जाने रे जाने सब जाने है कि रंग गुलाबी है प्रीत रो |
|
बना गुलाब तो काँटे चुभा गया इक शख़्स .....हुआ चराग तो घर ही जला गया इक शख़्स |
Wah Manish Ji. Man praffullit ho gaya raat ki is bela mein. Fir chiddi raat baat phoolon ki.....
जवाब देंहटाएंवाह सुमित बड़ा ही प्रासंगिक गीत याद दिलाया आपने। सोच रहा हूँ इसे ही शीर्षक बना लेना था। ख़ैर इस बार ना सही अगली बार काम आएगा... :)
हटाएंफूल तो सबको सुन्दर लगते हैं | पर भावों के साथउनकी खूबसूरती बयां कर उसे निखारने का काम तो एक लेखक/ कवि ही कर सकता है .... अति सुन्दर चित्रण....
जवाब देंहटाएंआपको ये चित्रण पसंद आया जान कर खुशी हुई :)
हटाएंNice
हटाएंShukriya..
हटाएंManishji, aap itna khoobsoorat kaise likh lete hain! Aur shirshak padhte hi mann Switzerland devanand ke sang pahunch gaya...such a beautiful song, and equally beautiful writeup
जवाब देंहटाएंThx for ur kind words...The beauty of flowers are such that one becomes poetic Though I like this song I didn't remember its picturisation.Now that u have pointed it out I have to see it again.
हटाएंफूलों के रंग से,दिल की कलम से...........मनोरम चित्रमाला
जवाब देंहटाएंमनीष जी, फूलों को शायरी की माला में पिरोने का आपका अंदाज लाजवाब है।
जवाब देंहटाएंफूल के रंग से दिल की कलम से.. तुझको लिखी आज पाती :)
जवाब देंहटाएंtere hi yaado me khoya hu...
tere hi khwabo me jaga...
http://safar2safar.blogspot.in/
Aap ne bohot pyara likh te he aaj mene pehli baar dekha or padha bohot acha laga aap ESE hi likha kijiye aap ko thanks
जवाब देंहटाएंBahut sundar .
जवाब देंहटाएं