रविवार, 18 जनवरी 2015

डगर थाइलैंड कीः देखिए फी फी के सफ़र पर दिखे ये 10 खूबसूरत नज़ारे Ten enchanting views on way to Phi Phi Island !

फुकेट प्रवास का आख़िरी दिन था फी फी या स्थानीय भाषा में उच्चारित करें तो पी पी द्वीप की यात्रा का। सच बताऊँ तो हमारा समूह फुकेट में सबसे ज्यादा उत्साहित इसी द्वीप को देखने के लिए था। हम ऊपरवाले से यही दुआ कर रहे थे कि भगवन फी फी जाते वक़्त बादलों के साथ आँख मिचौली मत खिलवाना। क्यूँकि फी फी की असली खूबसूरती निखरती धूप में ही प्रकट होती है। दस अक्टूबर की उस सुबह को जब हम उठे तो बाहर का दृश्य देख हमारी खुशी  का ठिकाना नहीं रहा। परवरदिगार ने हमारी सुन ली थी। गहरा नीला आकाश जगमगाती धूप के साथ हमारा स्वागत कर रहा था। 

फी फी द्वीपसमूह फुकेट से करीब 45 किमी की दूरी पर है। फांग नगा की खाड़ी जहाँ फुकेट के उत्तर पूर्व में हैं वहीं फी फी जाने के लिए आपको जेटी से दक्षिण पूर्व दिशा में जाना पड़ता है। सुबह के दस बजे जब हम जेटी पर पहुँचे तो देशी विदेशी पर्यटकों की भीड़ पहले से ही जहाज में मौज़ूद थी। फी फी द्वीप में जाने के लिए यूँ तो स्पीड बोट भी मिलती है पर मँहगी होने के कारण ज्यादातर लोग इस दुमंजिले जहाज में ही सफ़र करते हैं। इस जहाज से फी फी द्वीप तक पहुँचने में करीब दो घंटों का समय लगता है।


जहाज के निचले हिस्से में वातानुकूल कक्ष होते हैं जबकि डेक के आलावा इसकी खुली छत पर भी आप धूप सेंकने का काम कर सकते हैं। भारतीय तो नहीं पर कई विदेशी पर्यटक ऐसा ही करते नज़र आए। सबसे ज्यादा चहल पहल बीच वाले डेक पर ही दिखती है। जलपान के लिए फ्रूट सलाद मिलता है। वहाँ खाए अनानास का स्वाद तो मुझे आज तक याद है।

फांग नगा खाड़ी की तरह ही फीफी तक के सफर की खूबसूरती इसमें उग आई हरी भरी चूनापत्थर की पहाड़ियों से है। हर बार एक अलग शक्ल और रूप में सामने आकर ये आपको ना केवल चोंका देती है पर साथ ही आप उनके इन अद्भुत रूपों को निहार कर तृप्त हो जाते हैं। आइए आज के इस फोटो फीचर में रूबरू होते हैं फी फी द्वीप के इस सफ़र के दस खूबसूरत नज़ारों से.. 

सफ़र की शुरुआत में तट से लगे समुद्र में पानी का रंग हरा होता है...

जो कुछ ही समय बाद गहरे नीले रंग में बदल जाता है

फिर दिखने लगते हैं सागर की अथाह जलराशि के बीच ये सिकुड़े सिमटे द्वीप

एक ओर तो लहरों की चोट से घायल तो दूसरी ओर...

दूसरी ओर इतने हरे भरे कि मन करे कि इनके छोटे से शिखर पर ही अपना भी कोई नीड़ हो..
याद है ना फिल्म कहो ना प्यार है जिसमें अमीषा पटेल और ॠतिक रोशन एक नजाने से द्वीप में खो गए थे। फिल्म में वो दृश्य माया बे के इसी तट पर शूट किया गया है। वैसे इससे पहले यहाँ अंग्रेजी फिल्म The Beach की भी शूटिंग हुई है। पर इस तट तक पहुँचने के लिए आपको बड़े जहाज से उतर कर छोटी नौका या स्पीड बोट का सहारा लेना पड़ता है।

कहो ना प्यार है... कहा ना प्यार है :)

अद्भुत आकारों में खड़ी छोटी छोटी पहाड़ियाँ

पहाड़ों के बीच पतले रास्तों से छोटी नौकाओं में इन इलाकों को करीब से महसूस करने का अलग ही आनंद है।

क्या आपको नहीं लगता कि आसमान की चादर पर किसी ने त्रिशूल खड़ा कर दिया है ?

और इन त्रिभुजाकार चोटियों का तो कहना ही क्या !

तो ये थे फी फी द्वीप तक पहुँचने के रास्ते में मेरे कैमरे में क़ैद नज़ारे। दो घंटों की इस यात्रा में मुझे जो खुशी मिली थी उसका अंदाजा आप मेरी इस छवि से सहज ही लगा सकते हैं।


 फी फी पहुँचने के बाद वहाँ कैसे बिताया वो दिन वो जानियेगा फुकेट से जुड़ी इस श्रंखला की अगली कड़ी में..

थाइलैंड की इस श्रंखला में अब तक
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7 टिप्‍पणियां:

  1. अद्भुत दृश्यावली,अब तो जाना ही पड़ेगा

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    1. हाँ फुकेट जाइए तो फी फी अवश्य जाइए !

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  2. Aapka blog padh kar har baar maza aa jata hai. Aise hi ghoomte raho aur inspiring stories share karte raho !

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    1. शुक्रिया.. नौकरी करते हुए जितने मौके मिलते हैं उनका सदुपयोग तो कर ही लेते हैं।

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  3. बेनामीनवंबर 06, 2015

    Kai bar jaha jana sambhav nahi ho pata uske bare me jankar hi romanchit ho jate hai.

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