मंगलवार, 28 अक्तूबर 2014

डगर थाइलैंड की भाग 2 : सफ़र बैंकाक से फुकेट का Trip to Thailand - Bangkok to Phuket

पिछली पोस्ट में आपको बताया था कि कैसे मैंने अपनी थाइलैंड की यात्रा की योजना बनाई और कैसा रहा हमारा राँची से बैंकाक तक का सफ़र। सुबह आठ बजे तक हम On Arrival Visa की प्रक्रिया पूरी कर चुके थे। अगले दो घंटे तक हमें थाइलैंड के दक्षिणी शहर फुकेट ( फुकेत ) के लिए जाने वाली एयर एशिया की उड़ान की प्रतीक्षा करनी थी। बैंकाक से थाइलैंड के दक्षिणी सिरे पर स्थित फुकेट की दूरी करीब 860 किमी है जिसे विमान से तय करने में डेढ़ घंटे का समय लगता है।

Don Mueang का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा सुवर्णभूमि के मुख्य हवाई अड्डे से छोटा है और भारत के किसी मँझले हवाई अड्डे सा नज़र आता है। अपने टर्मिनल तक पहुँचने के लिए चलते चलते अचानक जब ये स्क्रीन सामने आई तो स्क्रीन में दिख रही इमारतों के साथ सामने वाला भी उसमें नज़र आने लगा। बच्चों और हमारे लिए ये नया अनुभव था सो झट से इसे कैमरे में क़ैद कर लिया गया।


थाइलैंड के समयानुसार हम दिन के ग्यारह बजे फुकेत से रवाना हो गए। हवाई अड्डे के आस पास की हरियाली देख आँखें तृप्त हो गयीं। आपको जान कर आश्चर्य होगा कि हवाई अड्डे की दो पट्टियों के बीच ही एक गोल्फ कोर्स भी है (नीचे चित्र में देखें)।


हवाई अड्डे से सटे रिहाइशी इलाकों में हरे भरे इलाकों के बीच रंग बिरंगी साफ सुथरी इमारतें दिखीं। पर एक हफ्ते बाद जब हम बैंकाक के मुख्य हिस्से में पहुँचे तो हमें वहाँ की आबादी की सघनता का अहसास हुआ।


एयर एशिया की टिकट बुक करते वक़्त हमने अपने भोजन की प्रीबुकिंग कर ली थी। छः सदस्यों के समूह में मैं अकेला शाकाहारी था। जब आर्डर के मुताबिक मटर पुलाव के साथ अालू भुजिया का ये पैकट सामने आया तो मन प्रसन्नता से खिल उठा। साथ ही मन में ये आशंका भी उभरी कि अब इस कोटि का शाकाहारी भोजन फुकेत जैसे सुदूर दक्षिण के इलाके में शायद ही उपलब्ध हो।


फुकेट आने के ठीक पहले हमें समुद्र में विविध आकार के द्वीपों का जाल दिखना शुरु हो गया। फुकेत ख़ुद  थाइलैंड का सबसे बड़ा द्वीप है।


शांत समुद्र में इन अजीबो गरीब चट्टानी आकृतियों को देखना अपने आप में एक अलग सा अनुभव था। अब हम फुकेट के बिल्कुल करीब पहुँच चुके थे। वैसे क्या आप जानते हैं कि थाई भाषा में फुकेट का शाब्दिक अर्थ क्या है? दरअसल फुकेत दो शब्दों 'फु' यानि पहाड़ और 'केट' मतलब माणिक से मिलकर बना है। अक्टूबर के महीने में तब उत्तरी थाइलैंड बाढ़ की चपेट में था पर फुकेट के आसमान में बादलों के छोटे चोटे फाहे ही तैर रहे थे।


फुकेट हवाई अड्डे से निकलते निकलते हमें दिन के एक बज चुके थे। एयरपोर्ट से निकलने के बाद आगे का कार्यक्रम हमने Make My Trip को दे रखा था। पर जब हम बाहर निकले तो हमारे नाम की कोई गाड़ी बाहर खड़ी नहीं मिली। थाइलैंड का फोन कार्ड भी हमने नहीं लिया था। पर पन्द्रह बीस मिनट के बाद हमें ले जाने वाला चालक आ गया । अब थाई भाषा का तो ज्ञान था नहीं कि उससे पूछते कि इतनी देर क्यूँ हुई। चालक ने मुझे एक लिफाफा पकड़ाया और हम सब काथू की ओर चल पड़े जहाँ हमारा होटल था।
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काथू से फुकेट हवाई अड्डे की दूरी चौंतीस किमी है जिसे पूरा करने में ट्राफिक के हालत के हिसाब से पौन से एक घंटे लगते हैं। रास्ते में हमें अपनी गाड़ी में एक मज़ेदार निर्देश हिंदी में लिखा दिखाई दिया जो खास भारतीय यात्रियों को ध्यान में रखकर लिखा गया था। देखिए थाई भारतीयों के पान खाने की आदत से किस क़दर परेशान हैं?


तीन विमान यात्राओं को लगातार पूरा करते करते हमारे समूह के बाजे बजे हुए थे। ढाई बजे होटल में चेक इन करने के बाद सब सीधे पलंग पर जा गिरे। नींद की आलम ये था कि किसी ने वो लिफाफा भी नहीं खोला जिसमें हमारे आगे का कार्यक्रम लिखा था। साढ़े चार बजे जब मेरी नींद खुली तो मैंने लिफाफा खोला और पाया कि हमें उसी शाम साढ़े पाँच बजे फुकेट के फैंटा सी (Phuket Fanta Sea Show) शो पर जाना है। अब हमने जो कार्यक्रम बनाया था उस हिसाब से पहले दिन कहीं घूमने का कार्यक्रम नहीं था। पर साथ ये भी कहा गया था कि टिकट की उपलब्धता के हिसाब से कार्यक्रम में थोड़ा फेर बदल संभव है।


ख़ैर अब टिकट आ गए थे तो जाना तो था ही। किसी तरह नींद को दूर भगाते हुए हम सब साढ़े पाँच तक तैयार हुए। इस बार हमें ले जाने वाली गाड़ी बिल्कुल सही वक़्त पर हाज़िर हो गई। फुकेट का फैंटा सी शो यहाँ के सबसे शानदार और वृहत स्तर पर प्रस्तुत किया जाने वाला सांस्कृतिक कार्यक्रम है। कैसा लगा हमें ये कार्यक्रम जानिएगा थाइलैंड श्रंखला की अगली कड़ी में..

थाइलैंड की इस श्रंखला में अब तक

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19 टिप्‍पणियां:

  1. फुकेट के वर्णन का इंतजार रहेगा।

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    1. शुक्रिया साथ बने रहने के लिए। फुकेट से जुड़ी आगे की कड़ियों में फुकेट फैंटासी, फुकेट के समुद्र तट और मंदिर, जेम्स बांड आइलैंड और फीफी द्वीप का जिक्र आएगा।

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  2. आप हमें हवाई जहाज का ऊपर वाला दृश्य जरूर दिखलायें हमारे पैसा और यहां के पैसो में अंतर जैसे की जापान यात्रा में आपकी व्याख्या थी गजब का धन्यबाद

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    1. शु्क्रिया जापान की उन सुखद स्मृतियों की याद दिलाने के लिए। फुकेट और बैंकाक की हवाई झलकियाँ आपको श्रंखला के अंत में देखने को मिलेंगी़।

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  3. :) बेहतरीन प्रस्तुति.... अगली कड़ी का इंतजार......

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  4. अच्छा वर्णन है। अगली कड़ी का बेसब्री से इंतज़ार रहेगा

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  5. Manish ji, u r very good observer .... Notice small-2 things.... That makes a big difference....

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    1. ''पान'' अगर हिंदी में ना लिखा होता तो शायद नज़र भटक गई होती। बहरहाल इससे हम भारतीयों को सीख लेनी चाहिए।

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  6. Agli kadi be sabri se intejaar rahega

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    1. टीपू खान जी इस श्रंखला की अगली कड़ियाँ आ चुकी हैं। पोस्ट के अंत में अगली कड़ियों की लिंकित सूची भी है। अगर नहीं देखा हो तो देख लें।

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