यूँ तो क्योटो में बिताए दो दिनों में हमारा ज्यादा समय वहाँ के मंदिरों को देखने में बीता पर रात के वक़्त हम मुख्य शहर की गलियों और चौबारों में भी घूमे। हर साल जुलाई के महीने में क्योटो में जापान के सबसे बड़े पर्वों में से एक Gion Festival भी मनाया जाता है। हमारी खुशकिस्मती थी कि हम इस पर्व के बीचो बीच क्योटो पहुँचे और इस त्योहार के साथ होने वाली यात्रा जिसे आप रथ यात्रा सरीखा मान सकते हैं में शिरक़त की।
किसी शहर में जाकर कभी आप कुछ ऐसे लोगों से मिलते हैं, ऐसी चीज़े देखते हैं या ऐसे अनुभव से गुजरते हैं जो वो उस पल को यादगार बना देती हैं। वैसे तो क्योटो क्या जापान का ध्यान आने से मुझे सान जू सान गेनदो
की याद पहले आती है पर इसके आलावा इस शहर की जिन यादो ने आज तक मेरा पीछा नहीं छोड़ा है उन्हें कुछ चित्रों के माध्यम से आप तक पहुँचा रहा हूँ। मुझे पूरा विश्वास है कि ये छवियाँ आपके दिलों के तार को इस शहर से जोड़ पाएँगी।
की याद पहले आती है पर इसके आलावा इस शहर की जिन यादो ने आज तक मेरा पीछा नहीं छोड़ा है उन्हें कुछ चित्रों के माध्यम से आप तक पहुँचा रहा हूँ। मुझे पूरा विश्वास है कि ये छवियाँ आपके दिलों के तार को इस शहर से जोड़ पाएँगी।
- हीयान शिंतो पूजा स्थल के आहाते में बने शुभ समझे जाने वाले धार्मिक प्रतीक चिन्ह अपनी खूबसूरती से ठिठक जाने को विवश करते हैं।
Shinto religious symbol at Heian Shrine, Kyoto
- कियोमिजु मंदिर में स्वास्थ, प्रेम और धन की तीन गिरती जल धाराओं में एक को चुनती एक जापानी युवती। कहना ना होगा कि उसने प्रेम को चुना था :)
A Japanese girl drinking water from her favourite stream at Otawa Na Taki, Kiyomizu Temple
- Gion Festival में जलते हुए ये खूबसूरत लैंप तरह तरह के रथों (Float) में लगाए जाते हैं और इन रथों के साथ आम जनता वैसे ही चलती है जैसे हमारे यहाँ की रथ यात्राओं में। इस रथ के ठीक सामने Selfie लेता एक जापानी युगल
A couple taking selfie in front of Yamaboko Float at Kyoto Gion Matsuri Festival
- और इस मुस्कुराहट को कैसा भुला सकता हूँ मैं। पर्व में अपनी परंपरागत पोशाक किमोनो में आई इन किशोरियों का मैं चित्र खींचने की अनुमति लेने में झिझक ही रहा था कि उन्होंने खुद ही कहा Want to take picture और इतना हँसता खिलखिलाता प्यारा सा पोज़ दिया।
Young girls in their traditional dress at Gion Matsuri Festival Kyoto
- त्योहार हो तो लज़ीज व्यंजन भी होंगे और उनकी सजावट ऐसी हो तो मुँह में पानी क्यूँ ना आए?
Kyoto's sweets on display during Gion Festival see their style of presentation
- अब चाहे कितना भी कह लो एक साधारण भारतीय की भूख तो अपने मुलुक के भोजन से ही बुझती है। भारत में आपने राजा हिन्दुस्तानी देखा था, हमने क्योटो में राजू जापानी ढूँढ लिया। :)
Raja Hindustani no no its Raju Japani An Indian restaurent near Heian shrine
- संस्कृत नामों को क्योटो में देख हम अचरज़ में पड़ गए। कहाँ हमारे प्राचीन भारत में आज के मालवा के इलाके में अवंती नामक राज्य हुआ करता था और कहाँ क्योटो रेलवे स्टेशन के सामने की ये दुकान। हमें यक़ीन हो गया कि प्राचीन भारतीय संस्कृति की जड़ें कितनी गहरी थीं।
The Indian connection : Avanti a state of ancient India..Avanti a shopping mall at Kyoto
- है ना मजेदार चित्र ये ? सीढ़ियाँ चढ़िए और कैलोरी कम कीजिए :)
Staircase to a railway station in Kyoto
- ये होटल जितना बड़ा दिखता है इसके कमरे उतने ही छोटे थे। पर कम जगह में सारी सुविधाएँ कैसे दी जाएँ ये कोई जापानियों से सीखे।
Our Hotel near JR Kyoto station
- क्योटो शहर के बाहर निकलते ही हम नीले अंबर और धान के खेतों की सानिध्य में थे। नज़ारे ऐसे जैसे पिक्चर पोस्टकार्ड में देखने को मिलते हों।
A picture postcard view at outskirts of Kyoto
यादें क्योटो की
- हीयान मंदिर : क्या समानता है शिंतो पूजा पद्धति व हिंदुत्व में ?
- सान जू सान गेनदो : जहाँ हिंदू देवता रक्षा करते हैं बोधिसत्व की
- साफ पानी का मंदिर : कियोमिजू
- क्योटो के दस अविस्मरणीय क्षण
क्योटो से विदा लेने के बाद आपको ले चलेंगे राजस्थान के एक ऐसे मंदिर में जहाँ हर तरफ़ चूहे ही चूहे आपका स्वागत करते हैं। अगर आपको मेरे साथ सफ़र करना पसंद है तो फेसबुक पर मुसाफ़िर हूँ यारों के ब्लॉग पेज पर अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराना ना भूलें। मेरे यात्रा वृत्तांतों से जुड़े स्थानों से संबंधित जानकारी या सवाल आप वहाँ रख सकते हैं।
आज पहली बार न्यूज हंट पर ट्रैवेल में आपके ब्लौग देखे। अलौकिक,अदभुत और अप्रतिम।
जवाब देंहटाएंसादर धन्यवाद,
शिवेश वर्मा,जमशेदपुर
शुक्रिया शिवेश इसी तरह अपना प्रेम बनाए रखें !
हटाएंV nice
हटाएंVery good
जवाब देंहटाएंAche anubhav shukriyyya***
जवाब देंहटाएंसराहने का शुक्रिया पर अपना नाम भी टिप्पणी के साथ लिखें तो मुझे खुशी होगी।
हटाएंजापान के विषय में जानना हमेशा ही एक नया रोमांच , नया रहस्य जैसा रहा है ! वास्तव में चीन , जापान सरीखे मुल्क ऐसे रहे हैं जो भारतियों की विशलिस्ट में शायद कभी रहे हों लेकिन आपने जापान को एक सरल और आसान देश बना दिया है अपनी पोस्ट से ! मैं ऐसा लगता है आपके साथ जापान घूम रहा हूँ ! बहुत बेहतर
जवाब देंहटाएंइस ब्लॉग पर जापान की यादें टुकड़ों टुकड़ों में बाँटी है..पहले किताक्यूशू, नोज़िको, टोक्यो और अब क्योटो.. कोबे, कोकुरा और हिरोशिमा के बारे में भी कुछ अंतराल के बाद अपने अनुभव बाटूँगा। शुक्रिया क्योटो की इस यात्रा में साथ बने रहने के लिए !
हटाएंDesh duniya ki khubsurtee dikhane ... jankariya dene ke liye thanks..ji...
जवाब देंहटाएंस्वागत है आपका चंदन यू ही इस ब्लॉग के सहयात्री बने रहें।
हटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंधन्यवाद !
हटाएंपिछले कुछ दिनों से आपके ब्लॉग में शामिल हुई हूँ। आप बहुत अच्छा लिखते हैं। आपके नए लेख का इंतज़ार रहेगा।
जवाब देंहटाएंSir ji mujhe aapke sath trevel karne me bhut maja aa rha hai.aapka. hindi likhna mujhe bhut jyada pasand aaya sir good job god blese you.
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