यूँ तो हम भारत से जापान हम टोक्यो हो कर ही आए थे, पर नई दिल्ली से तोक्यो पहुँचने के बाद सीधे उड़ान से हमें फुकुओका जाना पड़ा था और वो भी नारिता (Narita Airport) के हवाई अड्डे से । फुकुओका से किताक्युशु शहर तक हमारे समूह को सड़क मार्ग से ले जाया गया था जिसके बारे में मैं आपको पहले ही विस्तार से यहाँ बता चुका हूँ। अब यूँ तो नारिता का हवाई अड्डा तोक्यो का मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है पर ये तोक्यो स्टेशन से करीब 57 किमी की दूरी पर है। इसलिए यहाँ उतरते समय तोक्यो शहर दिखता तो है, पर थोड़ा दूर से। तोक्यो शहर को आसमान से कुछ और करीब से देखने का मौका हमें किताक्युशु (Kitakyushu) शहर में दो हफ्ते बिता लेने के बाद मिला।
जुलाई का दूसरा हफ्ता था। बारिश का मौसम वहाँ तब चल ही रहा था पर उस दिन याहाता से चलते वक़्त धूप खिली हुई थी। दोपहर का भोजन थोड़ा जल्दी निबटाकर हम बारह बजे अपने ट्रेनिंग सेंटर से किताक्युशु के हवाई अड्डे की ओर निकल पड़े। याहाता से कोकुरा जाते वक़्त धूप तो कम हुई पर वातावरण में हल्की उमस बरक़रार थी।
किताक्युशु का हवाई अड्डा शहर के पश्चिमी सिरे पर बना हुआ है। इस हवाई अड्डे की खास बात ये है कि ये पूरी तरह समुद्र के बीचो बीच बना है। जैसा कि आप ऊपर के चित्र में देख सकते हैं कि समुद्र के तीन किमी अंदर स्थित इस हवाईअड्डे पर एक पुल के ज़रिये पहुँचा जा सकता है। हम करीब एक बजे वहाँ पहुँचे।
हवाई अड्डे पर ज्यादा गहमागहमी नहीं थी। हमारी उड़ान तीन बजे की थी। सो वक़्त बिताने के लिए यूँ ही इधर उधर थोड़ी चहल कदमी करनी पड़ी।
दिन के तीन बजे हमारे विमान ने जापान के सबसे बड़े द्वीप होन्शू के लिए उड़ान भरनी शुरु की। डेढ़ घंटे की इस यात्रा के बाद हमें तोक्यो के हानेदा हवाई अड्डे पर उतरना था जो तोक्यो स्टेशन से चौदह किमी की दूरी पर तोक्यो खाड़ी क्षेत्र के पास स्थित है। आइए देखते हैं कि इस डेढ़ घंटे की उड़ान में टोक्यो उतरने से पहले क्या देख पाया..
दिल्ली से टोक्यो की उड़ान में शहर के चारों ओर धान के लहलहाते खेतो का आनंद तो हम पहले ही उठा चुके थे। इस यात्रा में भी तोक्यो के बाहरी इलाकों में वही हरियाली देखने को मिली। ये दृश्य तो कमाल का था! हरे भरे जंगलों के बीच धान की खेती यूँ की गई थी जैसे कोई हरी भरी नदी जंगलों को अपने घुमावों से चिरती आगे बढ़ रही हो।
लगभग चार पाँच मिनटों तक ऐसे लुभावने दृश्य आते रहे। हाँ ये जरूर हुआ कि कुछ ही देर बाद रूई के छोटे छोटे फाहे सदृश बादलों ने ये मंज़र ढक दिया।
मौसम कुछ साफ हुआ तो मैंने विमान को फिर समुद्र के पास उड़ते पाया। नीचे के खूबसूरत पुल पर तेज दौड़ती भागती गाड़ियाँ बच्चों के खिलौनों सी लग रही थीं। हमारा विमान तोक्यो की खाड़ी के बिल्कुल पास आ गया था। तोक्यो खाड़ी लगभग हजार वर्ग किमी के दायरे में फैली है। तोक्यो की खाड़ी का पूर्वी सिरा चीबा प्रीफेक्चर और पश्चिमी हिस्सा मिउरा प्रायद्वीप से जुड़ा है।
और नीचे आप को दिख रहा है चीबा शहर (Chiba City) का दृश्य जो कि Chiba Prefecture की राजधानी है। टोक्यो के केंद्र से चीबा की दूरी करीब चालीस किमी है। अगर आप ये चित्र गौर से देखें तो समुद्र के किनारे आपको एक स्टेडियम दिखेगा। ये चीबा मेरीन स्टेडियम है। सन 1990 में अमेरिकी पॉप स्टार मेडोना ने इसी स्टेडियम से अपने ब्लॉंड एम्बिशन टूर का शुभांरंभ किया था।
और ये है उरायासू (Urayasu) का इलाका ! चित्र में दिखते औद्योगिक क्षेत्र की बगल में ही जापान का डिस्नेलैंड भी है। जापान निरंतर जापान की खाड़ी के छिछले जल का फ़ायदा उठाकर समुद्र से ज़मीन को हासिल कर रहा है। इसका नतीजा ये हैं कि खाड़ी के किसी भी इलाके आपको बालू वाला समुद्र तट नहीं दिखेगा। यही स्थिति कमोबेश हमने जापान के सभी शहरों में देखी।
तोक्यो की खाड़ी और बंदरगाह पर चूंकि बादलों का साया था इसलिए समुद्र का रंग गहरा नीला ना होकर स्याह हो गया था।
दिन के करीब साढ़े चार बजे हम तोक्यो के हानेदा हवाई अड्डे पर थे।
हवाई अड्डे से तोक्यो के अपने हॉस्टल तक पहुँचने में हमें वहाँ का मशहूर रेनबो ब्रिज (Rainbow Bridge) और तोक्यो टॉवर (Tokyo Tower) दिखा और साथ ही दिखीं गगनचुम्बी विशाल अट्टालिकाएँ। वैसे तोक्यो का पूरा शहर ऐसी इमारतों से अटा पड़ा है। खासकर शिन्जकू के इलाके में तो ऐसी इमारतों की भरमार है। नीचे जो इमारत आपको दिख रही है उसकी सबसे ऊपरी मंजिल पर चढ़कर मुझे क्या दिखा इसका ब्योरा होगा इस श्रंखला की अगली कड़ी में..
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तोक्यो दर्शन (Sights of Tokyo) की सारी कड़ियाँ
तोक्यो दर्शन (Sights of Tokyo) की सारी कड़ियाँ
- माउंट फूजी और हरे भरे खेत (Outskirts of Tokyo : Mount Fuji and Green paddy fields)
- तोक्यो खाड़ी का इलाका (Tokyo Bay Area)
- तोक्यो और रात की रंगीनियाँ ( Night Life of Tokyo)
- शिंजुकु की गगनचुंबी इमारतें ( Skyscrapers of Tokyo)
- तोक्यो टॉवर और शिंजुकु के रात्रि दृश्य (Night scenes of Tokyo Tower & Shinjuku)
- Akihabara इलेक्ट्रिक टाउन , स्काई ट्री,शाही बाग और जापानी संसद
- तोक्यो का सबसे पुराना बौद्ध मंदिर सेंसो जी (Sensoji Temple, Asakusa)
- कैसे करें तोक्यो में रेल की सवारी ? (Mastering train travel in Tokyo)
नयनाभिराम चित्र हैं...धान के खेत तो पहले नदी जैसे ही लगे और सोचा..हरा पानी?? हमारे यहाँ तो नदी का पानी दूर से डार्क ब्राउन दिखता है .
जवाब देंहटाएंपुल बहुत ही ख़ूबसूरत है .
चित्र आपको पसंद आए जान कर खुशी हुई। धान के खेतों को इस रूप में देख कर मुझे भी आश्चर्य हुआ था। रही नदी के पानी की बात तो विकसित देश अपने पर्यावरण के बारे में ज्यादा सजग हैं।
हटाएंअब बस एक टिकट जापान का भेज ही दीजिये. इतना सब कुछ देखने और पढने के बाद अब और नहीं रहा जाता.
जवाब देंहटाएंटिकट नहीं भेज पा रहा इसीलिए तो ये सब दिखा रहा हूँ ताकि आप दूर से ही उस अनुभव को प्राप्त कर सकें जिसे मैंनें वहाँ रह कर महसूस किया।:)
हटाएंवाह.. जापान घूम कर मजा आ गया..
जवाब देंहटाएंशुक्रिया प्रशांत! वैसे अभी मनोरंजन का काफी हिस्सा बाकी है।
हटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंशुक्रिया मृदुला !
हटाएंएक एक इंच भूमि का पूरा उपयोग।
जवाब देंहटाएंऔर जो भूमि नहीं भी है वहाँ भी ज़मीन बना कर उसका उपयोग...
हटाएंअफसोस कि जापान के स्थानों या शहरों के नाम अशुद्ध लिखे गये हैं। जगह है किता-क्युशु यानी उत्तर (North) क्युशु । राजधानी का नाम है तोक्यो और तोक्यो के निकट अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है - नारिता जो राजधानी से करीब 55 किलोमीटर दूर है। इसी तरह दूसरे हवाई अड्डे का नाम हनेडा नहीं हानेदा है। अशुद्ध नामों ने विवरण का मज़ा किरकिरा कर दिया।
जवाब देंहटाएंआपकी शिकायत उचित है। शहरों के नाम लिखते में त्रुटि 't' को 'त' की जगह 'ट' पढ़ने की वज़ह से हुई। 'd' का हिंदी रूपान्तरण 'ड' की जगह 'द' करना था। बहरहाल आपके मार्गदर्शन से ये त्रुटियाँ सुधार दी गयी हैं। आशा है नामों के संदर्भ में आगे भी आपका मार्गदर्शन मिलता रहेगा।
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