जापान और शाकाहार से जुड़ी पिछली दो कड़ियों में आपने सैर की जापान के सब्जी बाजार की और मेरे साथ स्वाद चखा जापानी शाकाहारी भोजन का। अपनी जापान यात्रा में खान पान से जुड़ी यादों के सिलसिले को और आगे बढ़ाते हुए आज आपको लिए चलते हैं फुकुओका प्रीफेक्चर (Fukuoka Prefecture) के मुख्यालय हकाता के चार सितारा होटल न्यू ओटानी (Hotel New Otani Hakata) में। आप भी सोच रहे होंगे कि एक ओर तो मैं भारतीय रुपये के हिसाब से जापानी मँहगाई का रोना रो रहा था तो फिर ये चार सितारा होटल की सैर कैसे संभव हुई ?
इसके पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है। हमारे JICA ट्रेनिंग सेंटर में हर सप्ताहांत कुछ ना कुछ गतिविधियों का आयोजन होता था और इसकी सूचना सप्ताह के शुरु में ही दे दी जाती थी। सूचना पट्ट पर एक दिन सूचना आई कि अगले रविवार को वहाँ की एक संस्था प्रशिक्षणार्थियों को पास के महानगर फुकुओका में जूडो प्रतियोगिता दिखलाने ले जाएगी। जूडो, जापान में बेहद लोकप्रिय खेल है पर हमारी दिलचस्पी जूडो देखने से ज्यादा इसी बहाने फ्यूकोका शहर देखने की थी। हमने समूह ने सोचा कि कुछ देर जूडो देखने के बाद हम अपने से शहर देखने निकल पड़ेंगे।
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य स्थानीय लोगों और हम जैसे विदेशियों के बीच संपर्क और विचारों का आदान प्रदान बढ़ाना था। सुबह नौ बजे हमें फ्यूकोका ले जाने के लिए बस तैयार खड़ी थी। बस में सात भारतीयों के आलावा 8-9 जापानी भी थे जिनमें ज्यादातर की उम्र पचास से ज्यादा की थी। रास्ते में छोटा मोटा परिचय हुआ। छोटा इसलिए कि जो हाल हमारा जापानी में था वो उनका अंग्रेजी में। अलबत्ता उनके समूह में दो लोग दोनों भाषाओं में प्रवीण थे। अधिकतर बातें उन्हीं के माध्यम से हो रही थीं।
कार्यक्रम के मुताबिक हमने पहले जूडो की प्रतियोगिता देखी वो भी बतौर मुख्य अतिथि और प्रेस संवाददाताओं के बीच पर वो कथा फिर कभी। हमारे कार्यक्रम में असली Twist in the tale तब आया जब हमने दो घंटे जूडो देखने के बाद अपने से आस पास की जगहों को घूमने की इच्छा ज़ाहिर की। जवाब में हमें बताया गया कि जूडो के कार्यक्रम के बाद हमें खिलाने के लिए वहाँ के एक चार सितारा होटल में ले जाया जाएगा। जुलाई का महिना था और जूडो स्टेडियम के बाहर काफी गर्मी थी। फुकुओका का बंदरगाह पास ही था पर उस गर्मी में वहाँ जाएँ कि ना जाएँ इस उधेड़बुन में हम थे ही कि ये प्रस्ताव हमारे सामने पेश कर दिया गया था। अब बंदरगाह की उष्णता के सामने चार सितारा होटल की शीतलता को भला कैसे ठुकराया जा सकता था सो हम सबने होटल जाने के लिए हामी भर दी।
कार्यक्रम के मुताबिक हमने पहले जूडो की प्रतियोगिता देखी वो भी बतौर मुख्य अतिथि और प्रेस संवाददाताओं के बीच पर वो कथा फिर कभी। हमारे कार्यक्रम में असली Twist in the tale तब आया जब हमने दो घंटे जूडो देखने के बाद अपने से आस पास की जगहों को घूमने की इच्छा ज़ाहिर की। जवाब में हमें बताया गया कि जूडो के कार्यक्रम के बाद हमें खिलाने के लिए वहाँ के एक चार सितारा होटल में ले जाया जाएगा। जुलाई का महिना था और जूडो स्टेडियम के बाहर काफी गर्मी थी। फुकुओका का बंदरगाह पास ही था पर उस गर्मी में वहाँ जाएँ कि ना जाएँ इस उधेड़बुन में हम थे ही कि ये प्रस्ताव हमारे सामने पेश कर दिया गया था। अब बंदरगाह की उष्णता के सामने चार सितारा होटल की शीतलता को भला कैसे ठुकराया जा सकता था सो हम सबने होटल जाने के लिए हामी भर दी।