शुक्रवार, 8 अक्टूबर 2010

चित्र पहेली 16 परिणाम : आइए देखें यूरोपीय शैली में बनाए गए अमर महल को...

पिछली पोस्ट में आपसे सवाल पूछा था एक महल के बारे में जो दिखता तो यूरोपीय शैली का था पर जिसे बनाया था एक भारतीय राजा ने। तो आइए जानते हैं इस महल का रहस्य। इस महल का नाम है अमर महलइसकी परिकल्पना कश्मीर के डोगरा राजा अमर सिंह ने एक फ्रांसिसी वास्तुविद् की सहायता से सन 1862 में की थी। पर ये महल बन पाया 1890 में जाकर।

चित्र छायाकार : अजित कार्तिक

महल को यूरोपीय हवेली की शक्ल देने के लिए जम्मू का एक पहाड़ी इलाका चुना गया। लाल बलुआपत्थर और लाल ईटों से बने इस महल के सामने तावी नदी घाटी का मनोरम दृश्य दिखता है। अपने समय में ये जम्मू की सबसे ऊँची इमारत मानी जाती थी।


चित्र सौजन्य

भले ही आपने अमर सिंह का नाम नहीं सुना हो पर उनके आज की कश्मीर समस्या की जड़ में उनके पुत्र राजा हरि सिंह थे। वही हरि सिंह जिन्होंने आज़ादी मिलने के बाद भी भारत या पाकिस्तान में अपनी रियासत का विलय ना कर स्वाधीन रहने की कोशिश की थी। हरि सिंह की पत्नी महारानी तारा देवी ने अपनी जिंदगी के अंतिम वर्ष इसी महल में बिताए। आज भी महारानी तारा देवी का कक्ष उसी हालत में रहने दिया गया है जिसमें वो रहती थीं। महाराज अमर सिंह के पोते कर्ण सिंह जी ने इस महल को 1975 में एक संग्रहालय में तब्दील कर दिया।
डोगरा राजाओं का स्वर्ण सिंहासन भी आज इस संग्रहालय के दरबार कक्ष की शोभा बढ़ा रहा है।


पर आज सिर्फ इसकी इस प्राचीन विरासत को देखने के लिए ही पर्यटक यहाँ नहीं आते हैं। इस संग्रहालय में डोगरा राजाओं के समय की काँगड़ा और पहाड़ी चित्रकला का अद्भुत संग्रह है। संग्रहालय में भारत के मशहूर चित्रकारों की चित्रकला प्रदर्शित करती कई कला दीर्घाएँ भी हैं। यही नहीं यहाँ महाराज कर्ण सिंह द्वारा पिछले पचास साल में संग्रहित भारतीय और विश्व के जाने माने लेखकों द्वारा लिखी गई बीस हजार से ज्यादा पुस्तकों का संकलन है।

पहेली का सही जवाब देने में सबसे पहले सफल हुए अन्तर सोहिल। वैस उनके बाद प्रकाश गोविंद भी सही उत्तर देने में सफल रहे। आप दोनों को हार्दिक बधाई और बाकी लोगों को अनुमान लगाने के लिए शुक्रिया। आशा है जम्मू के आस पास रहने वाले लोग जम्मू जाने पर इस महल का भी चक्कर लगा कर जरूर आएँगे।

7 टिप्‍पणियां:

  1. So this is in Kashmir, I have not been there till date. Lovely pictures as usual.

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  2. अंतर सोहिल जी को हार्दिक बधाई

    किसी मित्र ने मेल से आपकी पहेली का जिक्र किया तो आया ...देर हो गयी थी ! सोचा था कि अब तक तो सही जवाब काफी सारे आ चुके होंगे ! हैरत है कि सिर्फ दो ही सही जवाब ?

    आपने बहुत ही महत्वपूर्ण जगह के बारे में बढ़िया जानकारी दी ! अब कभी जम्मू जाना हुआ तो यहाँ अवश्य जाऊँगा !

    आभार सहित
    शुभ कामनाएं

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  3. सभी विजेतो को बधाई, कशमीर की झगडे की जड यह राजा हरि सिंह नही थे, उन्होने तो कबालियो को मार मार कर वहां से भगा दिया था, असली जड तो नेहरु थे जिन्होने मित्राता के नाम से देश ओर कश्मीर के संग इअतना बडा धोखा किया, ओर यह धारा ३७० भी इन्ही की देन हे....

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  4. राज भाई कबीलाई लड़ाकों को हरि सिंह जी ने नहीं बल्कि भारतीय सेना के जवानों ने भगाया था। आप कश्मीर के बारे में किसी भी पुस्तक का अध्ययन कर लें सभी इस तथ्य की पुष्टि करेंगे।

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