पिछली चित्र पहेली में आपको बताना था इन अज़ीबोगरीब पेड़ पौधों के बारे में। पर इससे पहले कि उन पेड़ पौधों के नाम व आपके जवाबों को साझा करूँ ये जानना आपके लिए दिलचस्प रहेगा कि ऐसे दुर्लभ पेड़ पौधे आखिर पाए कहाँ जाते हैं?
वैसे भारत की समुद्री सरहद से ज्यादा दूर भी नहीं है ये जगह। मसलन अगर आप मुंबई के बाशिंदे हैं तो सुबह पाँच बजे की उड़ान भरिए, अरब सागर को पार कीजिए और चार घंटों में इस देश में सुबह के पौने सात (वहाँ के समयानुसार) पहुँच जाइए। जी हाँ ये जगह अरब सागर से जुटे हुए सोकोत्रा द्वीप समूह में है जो पहले दक्षिणी यमन और अब एकीकृत यमन देश का हिस्सा है।
कहते हैं आज से साठ सत्तर लाख वर्षों पूर्व सोकोत्रा का ये भू भाग अफ्रिका से अलग हो गया। इतने सालों तक मुख्य भूभाग से अलग रहने की वज़ह से यहाँ वनस्पति और जीव जंतुओं की वो प्रजातियाँ विकसित हुईं जो संसार के किसी और हिस्से में नहीं पाई जाती हैं। लगभग 120 किमी लंबे और 40 किमी चौड़े भू भाग में फैला सोकोत्रा का ये इलाका प्राकृतिक सुंदरता और विविधता से भरा हुआ है। इस द्वीप का तटीय मैदान पाँच किमी की चौड़ाई में फैला है। इसमें कई खूबसूरत समुद्री तट है। पर द्वीप का अधिकतर भूभाग चूना पत्थर और बलुआ पत्थर के पठारों से भरा है जिसकी ऊँचाई 300 मीटर से बढ़ते हुए 700 मीटर तक जाती है। इन पठारी इलाकों और घाटियों के बीच द्वीप के उत्तर पश्चिम में हाघिर पहाड़ियाँ भी हैं जिनकी ऊँचाई पन्द्रह सौ मीटर तक है। कहीं कहीं तो समुद्र तट और पहाड़ एकदम करीब आकर बड़ा रमणीक दृश्य उपस्थित कर देते हैं। चालीस से पचास हजार तक की आबादी वाले इस द्वीप समूह में अफ्रीकी और अरबी दोनों प्रकार की जनजातियाँ निवास करती हैं।
जैसा कि पिछली पहेली के उत्तर में अभिषेक और वत्स जी ने जिक्र किया कि सोकोत्रा शब्द संस्कृत शब्द सुखधारा यानि 'Island of Bliss' से आया है। इस बात की पुष्टि प्रथम शताब्दी में ग्रीक नौकायन अभिलेखों से पता चलती है जिसका अनुवाद जी डबलू हंटिंगफोर्ड (G.W.Huntingford) ने किया था। सोकोत्रा द्वीप समूह में पाई जाने वाली 815 वनस्पतियों में 230 से 260 तक, विलुप्त होती प्रजातियों में शामिल है। इन सबमें सबसे विचित्र है यहाँ पाई जाने वाली ड्रैगन ब्लड ट्री (Dragon Blood Tree)। इस वृक्ष को ड्रैगन ब्लड ट्री (Dracaena Cinnabari) इसलिए कहा जाता है क्यूँकि इसके तने के किसी भाग के कटने से इसमें से गाढ़े लाल रंग का तरल पदार्थ निकलता है जिसकी प्रकृति बहुत कुछ पौराणिक कथाओं में ड्रैगन के शरीर से निकलने वाले रक्त से मिलती जुलती है।
और लंबे उदर वाले इस पीधे के तो कई नाम हैं। बोतलनुमा शरीर का स्वामी होने के नाते ये नर्सरी में बॉटल प्लांट (Bottle Plant) के नाम से जाना जाता है। वहीं इसके खूबरसूरत गुलाबी फूलों की वज़ह से इन्हें रेगिस्तानी गुलाब यानि डेसर्ट रोज़ (Dessert Rose) के नाम से भी नवाज़ा जाता है। जाड़ों में जब इस द्वीप में भारी वर्षा होती है तब पूरा इलाका गुलाबी गुलाबी हो उठता है। पर इनकी सुंदरता पर मत जाइएगा। ये पौधा विषैला होता है।
वैसे इस प्रजाति के पौधों को बागवानी का शौक रखने वाले अपने उद्यानों में लगाने की जुगत करते रहते हैं। ऐसी ही एक जुगत का विवरण यहाँ पढ़िए।
यूनेस्को ने वर्ष 2008 में इस इलाके को 'World Heritage Site' की सूची में शामिल कर लिया है। और अगर आपका मन इस जगह को साक्षात देखने का है तो फिर यहाँ जाने के लिए संबंधित जानकारी इस जाल पृष्ठ पर मिल सकती है।
तो खुशी की बात ये है कि आप में से अधिकांश के जवाब बिल्कुल सही थे। पर सबसे पहले सही जवाब तक पहुँचने में समीर जी ने इस बार सीमा गुप्ता जी को पीछे छोड़ दिया। समीर जी को हार्दिक बधाई। बाकी साथियों को भी अनुमान लगाने और सही उत्तर तक पहुँचने के लिए बधाई।
यायावरी हमें भी पसन्द है। शानदार ब्लोग और बेहतरीन पोस्ट......"
जवाब देंहटाएंरोचक जानकारी...धन्यवाद...
जवाब देंहटाएंउम्दा जानकारी और बधाई हेतु धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंअजब गजब दुनिया की जानकारी।
जवाब देंहटाएंगजब की जानकारी. आभार.
जवाब देंहटाएंMANISH JI NAMSKAAR,
जवाब देंहटाएंMUSHAPHIR HOO YAARON
YAH HAKIKAT ME BHI ''KALPANIK'' LAGTA HAI.KNYOKI IASKI PRASTUTI AUR CHHAYANKAN ITNA DAMDAAR HAI KI IASKO JIVANT BANA DIYA HAI.
DANYAWAB.
PRABANDHA KUMAR SINGH
MANIGACHI
DARBHANGA
BIHAR
शुक्रिया प्रणव, अर्चना जी, समीर जी, सुशील, सुब्रमनियन जी इस पोस्ट को पसंद करने के लिए।
जवाब देंहटाएंप्रबंध भाई इस ब्लॉग पर स्वागत है आपका। आपको ये पोस्ट अच्छी लगी जानकर खुशी हुई। आशा है आप आगे भी ये स्नेह बनाए रखेंगे।
बहुत ही खूबसूरत पौधा है .....!!
जवाब देंहटाएंI AM WATCHING THIS AS FARE AS I THINK
जवाब देंहटाएं