मुसाफिर हूँ यारों पर पर कुछ दिनों पहले हिमालय की
अन्नपूर्णा पर्वत श्रृंखला के बीच पोखरा, नेपाल के पास
मछली के आकार की पूँछ वाली चोटी को देखने का अनुभव मैंने
आपसे साझा किया था। पर आज जिस पहाड़ी चोटी को आप को पहचानना है वो भारत में अवस्थित है पर इसका आकार प्रकार भी अचंभित कर देने वाला है।
इस चोटी की खासियत ये है कि इसका आकार अपने आधार से शीर्ष तक पहुँचते पहुँचते समानुपातिक ढ़ंग से इस तरह घटता है कि ऊँचाई से ये पहाड़ी एक त्रिभुज की तरह दिखती है। मानसून के दौर में इस चोटी के आस पास की छटा देखने वाली होती है। तैरते बादलों के बीच तब ये चोटी ढक सी जाती है।
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(चित्र साभार इंटरनेट, छायाकार का नाम पता नहीं।)
तो आपको इस चित्र को देख कर आज बताना है इस चोटी का नाम क्या है और ये कहाँ अवस्थित है। हमेशा की तरह सही जवाब तक पहुँचने के लिए संकेत हाजिर हैं।
संकेत 1 : ये चोटी भारत के पश्चिमी घाट में है और इसकी ऊँचाई १००० मीटर से थोड़ी कम है।
कलावंतिन दुर्ग पनवेल से उत्तर पूर्व दिशा में अवस्थित है और इसकी ऊँचाई तकरीबन २३०० फीट है। ये चोटी प्रबलगढ़ दुर्ग के ठीक बगल की चोटी है और ऊपर का चित्र प्रबलगढ़ के ऊपर से खड़े होकर लिया गया है। इस दुर्ग पर चढ़ने ले लिए बकाएदा सीढ़ियाँ बनी हैं। इसकी चोटी का क्षेत्रफल इतना कम है कि उस पर एक वक्त में मात्र तीस से चालिस लोग खड़े हो सकते हैं। ऊपर तक जाने के लिए सीढ़ियाँ हैं पर चोटी के पास की सीढ़ियाँ काफी फिसलन भरी हैं। अपने इस अनूठे आकार के लिए इसका प्रयोग निगरानी चौकी के रूप में किया जाता रहा। 
संकेत 2 : हिंदी चिट्ठाजगत के एक चिर परिचित कवि / शायर का घर इस चोटी से तकरीबन घंटे भर की दूरी पर है।:)
जी हाँ हमारे चिर परिचित शायर नीरज गोस्वामी जी खपोली में रहते हैं और यहाँ से पनवेल का रास्ता करीब आधे घंटे में निबटाया जा सकता है। कलावंतिन दुर्ग पनवेल से १७ किमी दूर पर ठाकुरवाड़ी गाँव के समीप है।
संकेत 3: इस चोटी का नाम संगीत के एक प्रसिद्ध घराने से मिलता जुलता है।
कलावंतिन दुर्ग (Kalavantin Durg) से मिलता जुलते नाम का कलावंत संगीत घराना है। वैसे इस दुर्ग का कहीं कहीं उल्लेख कलावती दुर्ग (Kalavati Durg) या कलावंतिनिचा बुरुज (Kalavantinicha Buruz) के रूप में भी किया जाता है।
तो हैं ना मज़ेदार संकेत ! वैसे इस बार पिछली बार से विपरीत एक से ज्यादा सही जवाब आने की आशा है क्योंकि मुझे यक़ीन है कि आप में से कुछ ने इस चोटी को देखा जरूर होगा। मेरे ख्याल से इन संकेतों की सहायता से उत्तर तक शीघ्र ही पहुँच जाएँगे तो देर किस बात की जल्दी लिखिए अपना जवाब। आपके उत्तर हमेशा की तरह माडरेशन में रखे जाएँगे। सही जवाब 16 जुलाई की रात इसी पोस्ट में बताए जाएँगे।
आइए देखें किसने दिया सही जवाब:.
इस बार कुल मिलाकार तीन लोगों ने सही जवाब ढूँढ निकाला है। पर एक बार फिर सबसे पहले सही जवाब अभिषेक ओझा ने दिया। हालांकि उनसे ठीक पहले राज भाटिया जी जवाब के बेहद करीब पहुँच चुके थे। भाटिया जी, प्रबलगढ़ और कलावंतिन दुर्ग अगल बगल की दो अलग अलग चोटियाँ हैं और जैसा कि मैंने बताया कि प्रस्तुत चित्र प्रबलगढ़ दुर्ग के ऊपर से लिया गया है।। वैसे राज भाटिया जी और समीर भाई देर आए पर दुरुस्त आए। आप तीनों को सही उत्तर तक पहुँचने के लिए हार्दिक बधाई।
साथ ही शुक्रिया उन सभी लोगों का जिन्होंने इस चित्र को देख कर अपने अनुमान लगाए और विचार प्रकट किए।