बुधवार, 17 जून 2009

रंग बदलते आसमान में लिपटी मुन्नार की वो नयनाभिराम प्रातःकालीन बेला

सूर्योदय बेला की इस श्रृंखला की आखिरी कड़ी में ले चलते हैं आपको केरल के सबसे सुंदर पर्वतीय स्थल मुन्नार (Munnar) की ओर। हमारा समूह मुन्नार थेक्कड़ी मार्ग (Munnar Thekkadi Highway) पर स्थित चांसलर रिसार्ट में ठहरा था। दिसंबर का महिना था। क्रिसमस एक दिन पहले ही बीती थी। सुबह सवा छः जब हम अपने रिसार्ट के कमरे से बाहर निकले तो बाहर अभी भी घुप्प अँधेरा था । मुन्नार छोटे पर गोल से चंदा मामा की चमक अभी तक फीकी नहीं पड़ी थी।


आँखें बंद कर अनुभव कीजिए..

प्रातःकालीन बेला में पर्वत के शिखर के पास आप खड़े हों...

दिन में हरे भरे दिखते चाय के बागान गहरी कालिमा लपेटे हों..

घाटी के नीचे सूर्य के आगमन से बेखबर सोती झील को अपलक देखता हुआ बादलों का सफेद झुंड दिखाई पड़ रहा हो ....

और इतने में दस्तक देती पहुँच जाए आसमानी महल पर सूर्य किरणों की सेना !

फिर तो आकाश में समय के साथ साथ बदलती नीले लाल नारंगी रंगों की मिश्रित आभा अपना जो रूप हमें दिखाया हम सब नतमस्तक और मुग्ध हो गए प्रकृति की इस मनोहारी लीला पर..
आप भी देखिए और आनंद लीजिए आसमान के बदलते रंगों की इस छटा का.....






(सभी चित्र मेरे और सहयात्री पी. एस. खेतवाल के कैमरे से)

11 टिप्‍पणियां:

  1. अद्भुत....जो आनंद आया है उसे शब्द देना संभव नहीं...वाह..बेजोड़ चित्र...
    नीरज

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  2. अद्भुत। मुन्नार जाने का मन था, किसी कारणवश जा नहीं पाया।

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  3. Aapke sis yatra mai vakai bahut maza aaya...

    agli yatra ka intzaar rahega...

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  4. मुन्नार की वो नयनाभिराम प्रातःकालीन बेला सचमुच मै बहुत सुंदर लगी आप के चित्र मै, ओर वहां सजीव रुप मे तो ओर भी सुंदर होगी.
    धन्यवाद

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  5. आँखें बंद कर अनुभव कीजिए..
    ...
    सॉरी साहब,
    हमने आँखें बंद नहीं की. चित्रों को देखने के कारण बंद करने का आभास ही नहीं रहा.

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  6. मुन्नार वैसे तो केरल का इकलौता हिल स्टेशन है. खूबसूरत भी है. चित्र भी बहुत सुन्दर हैं. वैसे एक बात कहूँ? सूर्योदय के पहले और सूर्योदय के दौरान सृष्टि में कोई जगह नहीं है जो खूबसूरत न लगे

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  7. गोया के .क्या कहे.....बस दो ही तलब उठी..की ये समय रुक जाये ...

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