गेट पर तैनात संतरी बिहार के किसी इलाके से था। तो ये बताने पर कि हम सब पटना से आए हैं, उसने अंदर जाने की इज़ाजत दे दी। सीढ़ियों से चढ़कर देखा गया स्टेडियम के अंदर का पहला दृश्य आज तक पूरे मन को रोमांच से भर देता है। बड़ा जगमगाता स्टेडियम, ऊपर से बौनौं की भांति दिखते कलाकार और पार्श्व से बजती पंडित रविशंकर की कोई धुन ...आज भी वो छवि दिल से निकलती नहीं है।
इसलिए जब रांची में राष्ट्रीय खेलों (National Games, Ranchi) की घोषणा हुई तो लगा कि वैसी आधारभूत संरचना को शायद अपने शहर में देखने का भी मौका मिले। पर झारखंड की सरकारी अकर्मण्यता का हाल ये है कि सरकारे बदलती गईं, नई नई तिथियों की घोषणा होती रही पर निर्माण कार्य बेहद मंथर गति से चलता रहा। आज हालात ये है कि फरवरी २००९ की डेडलाइन भी खत्म हो गई है और फिलहाल ये तिथि जून २००९ तक बढ़ा दी गई है। पर फिर भी जो कुछ बन पाया है आज उसकी सैर करने मैं रविवार की सुबह को निकल पड़ा और जो कैमरे में कैद हुआ वो आपके सामने है...
ये है नेशनल गेम्स के लिए बन रहा विशाल इनडोर स्टेडियम। ऊपरवाले की नीली छतरी के नीचे गहरे नीले रंग की स्टेडियम की छत आंखों को बेहद सुकून दे रही है ना ?
टेनिस स्टेडियम तो बनकर तैयार है पर क्या लिएंडर पेस, महेश भूपति और सानिया मिर्जा जैसे खिलाड़ी इस कोर्ट की शोभा बढ़ाएँगे ?
और ये है यहाँ का तरणताल यानि स्विमिंग पूल, साथ में डाइविंग का भी अलग ताल बना है यहाँ
पर क्या आपने कभी सोचा है कि एक इनडोर स्टेडियम के बनने में कितने स्टकचरल मेमबर्स यानि ट्रस (Structural Members or Truss) की जरूरत पड़ती होगी ? अगर नहीं सोचा तो इस स्टेडियम की बनती हुई छत में ट्रसों के जाल को देखिए। हैरान रह गए ना !
और चलते चलते उसी जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम की तरह बनता राष्ट्रीय खेलों का ये मुख्य स्टेडियम। है ना खूबसूरत ?
good reporting.
जवाब देंहटाएंAap lambe samay ke baad ghumane le jate hai... par jub bhi le jaate hai to bus maza hi aa jata hai...
जवाब देंहटाएंbahut achha...
बहुत ही सुन्दर लग रहा है. आभार.
जवाब देंहटाएंवाह ! यह जानकारी तो अच्छी है | सरकार कोई भी हो, इन कार्यों में कभी बाधा नहीं आनी चाहिए |
जवाब देंहटाएंआभार इस जानकारी एवं तस्वीरों के लिए.
जवाब देंहटाएंइन चित्रो के लिये आप का धन्यवाद
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