सोमवार, 7 जुलाई 2008

केरल में रहने, खाने पीने और घूमने के खर्चे

केरल यात्रा विवरण लिखते समय मैंने मन ही मन सोचा था कि यात्रा विवरण खत्म करने के पहले सफ़र संबंधी खर्चों के लिए एक अलग पोस्ट लिखूँगा । ऍसा ही आग्रह रवि रतलामी जी ने अपनी टिप्पणी में भी किया था। अब जबकि केरल यात्रा विवरण की बस आखिरी किश्त बाकी रह गई है तो लगा कि ये शुभ कार्य कर ही डालूँ।

सफ़र में अमूमन तीन तरह के खर्चे होते हैं पहला आना जाना, दूसरा खाने पीने और रहने और तीसरे वहाँ घूमने फिरने में...

आना-जाना

जैसा कि केरल वृत्तांत की अपनी पहली पोस्ट में मैंने बताया था कि राँची से एरनाकुलम के २२०० किमी आने और वापस लौटने में हमने खर्चा कम करने के लिए वायुमार्ग की जगह रेल को चुना। यहाँ ये बता दूँ कि सफ़र के दो महिने पहले भी राँची-कोलकाता-चेन्नई-कोचीन मार्ग से दो लोगों के आने जाने में करीब २५००० से २८००० रुपये खर्च हो रहे थे और कुल दो दिन की बचत हो रही थी जबकि AC Two Tier में यही खर्चा मात्र ९३०० रुपये था। वैसे भी अगर दो परिवार एक साथ चल रहे हों और बच्चों को भी कंपनी मिल जाए तो इतना लंबा सफर भी बड़े आनंदपूर्वक कट जाता है।

होटल

कोचीन - एरनाकुलम (दो रातें एक दिन ) Kochi-Ernakulamये समय केरल में जाने के लिए पीक सीजन (Peak Season) है। एक तो इसी समय क्रिसमस की छुट्टियाँ होती हैं और स्थानीय भी घूमने फिरने निकल पड़ते हैं और साल के अंत में हमारे जैसे कर्मचारी अपनी CL का हिसाब-किताब पूरा करने के लिए निकलते हैं। हमने केरल में २२ दिसंबर से ३१ दिसंबर तक आठ दिन और नौ रातें गुजारीं। एरनाकुलम में करीब ५०० से हजार में आपको मध्यम दर्जे के होटल मिल जाएँगे। हम वहाँ सरकारी अतिथि गृह में थे इसलिए सस्ते में निबट गए।

मुन्नार (दो दिन दो रातें ) Munnar
मुन्नार में हम एक दिन चांसलर रिसार्ट में और एक दिन कानन देवन गेस्ट हाउस में ठहरे। पीक सीजन में यहाँ आपको यहाँ पहले से आरक्षण करा लेना आवश्यक है। कानन देवन में एक रूम मिलने के पहले हमें आठ दस होटल छान मारे। ज्यादातर जगहें खाली नहीं थीं और जो खाली थीं उसमें प्रतिदिन का किराया हजार से पंद्रह सौ का था। अंततः हम कानन देवन में आठ सौ रुपयों में ठहर गए पर वहाँ एक रूम में ही ठिठुरती रात गुजारनी पड़ी जिसकी कहानी विस्तार से यहाँ बता चुका हूँ। रिसार्ट शानदार था और हमें कंपनी के गठजोड़ की वजह से सस्ते में मिल गया था। पर शहर से १५‍-२० किमी दूर होने के बावजूद प्रतिदिन १५०० रुपये का किराया बिल्कुल नहीं खलेगा क्योंकि जिस सुंदरता का हमने वहाँ अनुभव किया वो अतुलनीय है।

थेक्कड़ी (एक दिन एक रात) Thekkadiहम मुन्नार से निकल कर कुमली (Kumli) में ठहरे जो थेक्कड़ी से तीन चार किमी पहले है। मसालों की खरीदारी के लिए यही सबसे उपयुक्त जगह है। यहाँ हमें बड़ी आसानी से पाँच सौ रुपये प्रतिदिन में Non AC रूम मिल गए। आफ सीजन में ये किराया तीन सौ तक हो जाता है।

कोट्टायम (दो रातें डेढ़ दिन) Kottayam
यहाँ भी तीन चार होटल छानने के बाद ४५०‍-५०० रुपये तक का रूम मिल गया। वैसे कुछ होटलों में रेट ७०० से ८०० रुपये तक भी थे।
त्रिवेंद्रम एक रात एक दिन (Tiruananthpuram)
यहाँ हम स्वागत हॉलीडे रिसार्ट (Swagath Holiday Resort) में थे जो कोवलम तट के पास होने की वजह से मँहगा है यानि किराया प्रति दिन १५०० रुपये या उससे ज्यादा । हम यहाँ भी कंपनी के मेहमान के तौर पर थे इसलिए यहाँ ठहर गए। पर त्रिवेंद्रम में आपको छः सौ से हजार के होटल आसानी से मिल जाएँगे।

एलेप्पी एक रात आधा दिन (Alleppy)यात्रा विवरण में अब यहीं की दास्तान लिखनी बाकी है। पर यहाँ भी हमें थोड़ी खोजबीन के बाद साढ़े तीन सौ रुपये का रूम मिल गया।
रिसार्ट को छोड़ दें तो सारी जगहों पर हम नॉन एसी रूम वित अटैच्ड बॉथ में ठहरे। आप देख सकते हैं कि प्रतिदिन पीक सीजन में भी आप चाहें तो केरल में आठ सौ से हजार रुपये में रह सकते हैं।

खान पान
खान पान के मामले में केरल में खर्च आपके अपने शहर से ज्यादा नहीं होगा। नाश्ते में डोसा/बड़ा/ अप्पम/ उत्तपम और साथ में कॉफी पचास रुपये के अंदर तक आ जाएगी। दिन और रात का भोजन औसतन प्रति व्यक्ति ८० से सौ रुपये में आ जाएगा। और ये भी बता दूँ कि यहाँ मछलियाँ आपकी जेब को भारी नहीं पड़ेंगी।

यात्रा वाहन
केरल में प्रवेश करने के बाद से ही अगर वाहन आपके पास हो तो सफर की आधी चिंता से आप मुक्त हो जाते हैं। हमने गाड़ी कोचीन से मुन्नार जाने के वक़्त की। ऐसा मलयाली ड्राइवर लें जो अंग्रेजी समझ लेता हो। अगर एक परिवार हो तो इंडिका लेनी चाहिए। हम दो परिवार थे तो हमने टाटा सूमो ली। दिसंबर के महिने में वातुनूकूलित गाड़ी लेने का औचित्य नहीं है। हमें लेनी पड़ी क्योंकि और कोई गाड़ी उपलब्ध नहीं थी। सूमो में प्रति दिन के हजार रुपये देने पड़े और उसमें ७० किमी प्रति दिन की यात्रा inclusive थी। हमारे साथ गाड़ी सात दिन रही और हमें ऊपर की जगहों को घूमने में १२००० रुपये लगे। यानि प्रति परिवार कुल खर्च छः हजार रुपये का। अगर NON AC गाड़ी ली गई होती तो ये खर्च एक हजार कम हो जाता। पर गाड़ी पास में रहने की वजह से हम अपना होटल का खर्च न्यूनतम रख पाए। इंडिका में एक परिवार के घूमने का खर्च करीब पाँच या छः हजार के बीच ही बैठेगा।

घूमने फिरने के बाकी खर्चों का उल्लेख तो मैंने अपने केरल के यात्रा विवरण में जगह-जगह कर ही ही दिया है।

आपको ये जानकारी कितनी उपयोगी लगी ये बताएँ और कोई प्रश्न अगर अनुत्तरित रह गया हो तो अवश्य पूछें।
इस श्रृंखला की सारी कड़ियाँ

  1. यादें केरल की : भाग १ - कैसा रहा राँची से कोचीन का २३०० किमी लंबा रेल का सफ़र
  2. यादें केरल की : भाग २ - कोचीन का अप्पम, मेरीन ड्राइव और भाषायी उलटफेर...
  3. यादें केरल की : भाग ३ - आइए सैर करें बहुदेशीय ऍतिहासिक विरासतों के शहर कोच्चि यानी कोचीन की...
  4. यादें केरल की : भाग ४ कोच्चि से मुन्नार - टेढ़े मेढ़े रास्ते और मन मोहते चाय बागान
  5. यादें केरल की : भाग ५- मुन्नार में बिताई केरल की सबसे खूबसूरत रात और सुबह
  6. यादें केरल की : भाग ६ - मुन्नार की मट्टुपेट्टी झील, मखमली हरी दूब के कालीन और किस्सा ठिठुराती रात का !
  7. यादें केरल की : भाग ७ - अलविदा मुन्नार ! चलो चलें थेक्कड़ी की ओर..
  8. यादें केरल की भाग ८ : थेक्कड़ी - अफरातरफी, बदइंतजामी से जब हुए हम जैसे आम पर्यटक बेहाल !
  9. यादें केरल की भाग ९ : पेरियार का जंगल भ्रमण, लिपटती जोंकें और सफ़र कोट्टायम तक का..
  10. यादें केरल की भाग १० -आइए सैर करें बैकवाटर्स की : अनूठा ग्रामीण जीवन, हरे भरे धान के खेत और नारियल वृक्षों की बहार..
  11. यादें केरल की भाग ११ :कोट्टायम से कोवलम सफ़र NH 47 का..
  12. यादें केरल की भाग १२ : कोवलम का समुद्र तट, मछुआरे और अनिवार्यता धोती की
  13. यादें केरल की भाग १३ : समापन किश्त अभी आनी बाकी है...

6 टिप्‍पणियां:

  1. इसे कहते है....घर बैठे ही सारे जुगाड़ फिट करना रतलामी जी ने यही किया है....पर आप ठहरे साधू संत आदमी अगर कोई non veg हो ओर साथ में पीने का शौकीन तो खर्चे में थोड़ा परिवर्तन आ सकता है....फ़िर भी मोटा मोटा आईडिया मिल जाता है.....

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  2. यह बड़े काम की जानकारी दे दी है आपने. आभार.

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  3. आपके यात्रा वृतांत में प्रश्न का अनुत्तरित रहना कहाँ सम्भव है ! फिर भी ऐसी कोई जानकारी की जरुरत हुई तो संपर्क करता हूँ.

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  4. बेनामीजुलाई 16, 2008

    bhut badhiya jankari di hai. aabhar.

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  5. बहुत सुदर विस्तार पूर्वक जानकारी दी आपने शायद मैं भी शीघ्र देख पाऊँ..हृदय से आभार आपका भाईजी

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  6. waha k log hindi samjhte h kya hamara plan h june m jane ka

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