जैसा कि मैंने आपको
पेरियार झील (Periyar Lake) के सफ़र के दौरान बताया था कि पेरियार एक टाइगर रिजर्व है और इसका विस्तार करीब ७७७ वर्ग किमी तक फैला हुआ है जिसमें ३०० किमी से ऊपर का इलाका सदाबहार घने वनों से घिरा हुआ है। हमलोग २७ दिसंबर की दोपहर गाइड के साथ इस जंगल में घुसे और करीब ढाई घंटों तक इसकी सघनता के बीचों बीच कूदते फाँदते थोड़ी उत्सुकता, थोड़े भय के साथ चलते रहे। जंगल के अंदर क्या हुआ उसका विवरण तो आप मेरी केरल यात्रा की अगली पोस्ट पर पाएँगे, पर तब तक कुछ चित्रों के द्वारा आपको भी जंगल के वातावरण से परिचित कराते चलें।

पूर्व चलने के बटोही बाट की पहचान कर ले...

अगर वन सघन ना हो तो फिर वो वन कैसा?

अरे हमारे घर में ये कौन घुस आए ?

पत्तियाँ चली गईं तो क्या वो तो फिर से आ जाएँगी, पर ऊपर ये नीला आसमान तो हमेशा रहेगा

क्या भिन्न नहीं हूँ मैं? देखो मेरे तने को कितनी लताओं को आश्रय दिया है मैंने!

हवाओं ने झुका दिया तो क्या अभी भी जान बाकी है मुझमें..

अरे नीचे ही देख कर चलते रहोगे, जरा ऊपर भी देखो हमारे इस सुंदर आशियाने की तरफ..

अरे डरो नहीं मैं हूँ विषहीन सर्पीला वृक्ष !

अरे हम तो अब जंगल में नहीं रहते पापा मम्मी ने ठिकाना झील के उस पार कर लिया है.. :)
पेरियार के घने जंगल, उन्घते अनमने जंगल :-)
जवाब देंहटाएंखूबसूरत चित्र हैं !
वाह बहुत खूबसूरत चित्र है.. कुछ यात्रा संस्मरण बाटुंगा यहा.. समय निकल कर.. नि संदेह ब्लॉग बहुत बढ़िया है..
जवाब देंहटाएंआहा कितनी बार कहूँ आपसे ईष्या होती है.......सुना आपने ........आहा पेरियार .......
जवाब देंहटाएंसुन्दर और मनमोहक दृष्य. वाह! कहकर रह गये.
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत तस्वीरें हैं, दिल खुश हो गया, सच में...
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