रविवार, 5 मार्च 2017

एम्स्टर्डम : क्या दौड़ता है इस शहर की रगों में ! Spirit of Amsterdam !

हर शहर की अपनी एक खासियत होती है, अपना एक चेहरा होता है। उस चेहरे के भीतर के चेहरे को समझने के लिए आपको उस जगह कई दिन गुजारने पड़ते हैं पर  कम समय में भी अगर आप ध्यान दें तो शहर की कुछ विशिष्टताएँ नज़र तो आ ही जाती हैं। एम्स्टर्डम की सवारी साइकिल की चर्चा तो मैंने पिछली पोस्ट में ही कर ली थी। आज आपको दिखाते हैं शहर की ऐसी झलकियाँ जिनमें थोड़ा ही सही, इस शहर का अक़्स नज़र आएगा आपको। 

यूरोपीय शहरों में लोकप्रियता के हिसाब से एम्स्टर्डम आठवें स्थान पर आता है। नीदरलैंड में बाहर से जो यात्री आते हैं वो इसके दो राज्यों उत्तरी और दक्षिणी हालैंड में ही सिमट जाते हैं। हेग, राटरडम, क्यूकेनहॉफ और एम्स्टर्डम इसी इलाके में स्थित हैं।  एम्स्टर्डम में पर्यटकों का सबसे बड़ा जमावड़ा राइक्स म्यूजियम और दाम स्कव्यार के आस पास ही लगता है। राइक्स म्यूजियम के सामने बने प्रतीक चिन्ह पर पर्यटकों की मस्ती देखते ही बनती है।
प्रेमियों के लिए दुनिया की कोई जगह वर्जित नहीं 😆

दाम स्कवायर या एम्स्टर्डम सेंट्रल स्टेशन के आस पास ये घोड़ा गाड़ी आपको सहज ही नज़र आ जाएगी। आप इस गाड़ी पर चढ़कर आधे एक घंटे के लिए ही सही अपने आपको विशिष्ट व्यक्ति समझ ही लेंगे क्यूँकि जिधर भी आप जाएँगे बाहरी आंगुतक आपकी तसवीर लेने के लिए लालायित रहेंगे। ये अलग बात है कि उनके आकर्षण का केंद्र आप नहीं बल्कि ये घोड़ागाड़ी होगी। पर फ्रेम में तो आप भी रहेंगे ना 😉। वैसे इस राजा वाली feeling के लिए आपको घंटे भर में सौ यूरो यानि सात हजार रुपये से हाथ धोना पड़ सकता है। सो हुजूर मैंने तो दूर से ही इसके दर्शन कर लिए।

जेब में पैसे हों और मन में राजसी ठाठ बाठ से चलने का इरादा तो ये घोड़ागाड़ी बुरी नहीं है आपके लिए
चित्र में जो दुकान दिख रही है De Bierkoning वो यहाँ की मशहूर बीयर की दुकान है।


डच संस्कृति में यूँ तो संगीत के कई रंग हैं पर लोकप्रिय संस्कृति Levenslied गीत संगीत शैली का काफी प्रभाव रहा है।  आम बोलचाल की भाषा से लिए सहज बोल और विषय इस तरह के गीतों की विशेषता होते हैं । ऍसे गीतों के साथ लोग एकार्डियन जैसे वाद्य यंत्रों का प्रयोग करते हैं। सड़कों पर गाना बजाना तो आपको यूरोप में जगह जगह दिखेगा और एमस्टर्डम इनसे अलग नहीं है। पर हाल फिलहाल में सरकार ने इस शहर में कुछ प्रतिबंध लगाए हैं  ताकि सड़कों पर परोसा जाने वाला संगीत शोर में ना बदल जाए।

Street Musician एमस्टर्डम की  की सड़कों पर वॉयलिन बजाता युवा
हालैंड तकनीक के मामले में ही विश्व के अग्रणी देशों में एक रहा है। जल संरक्षण, उर्जा संरक्षण, समुद्र से भूमि को वापस लेने के क्षेत्र में उसे महारत हासिल है। पर्यावरण के मामले में उसकी संवेदनशीलता का परिणाम ये है कि  कुछ साल पहले वहाँ की संसद के समक्ष 2025 के बाद से डीजल और पेट्रोल कारों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रखा गया था। उसके बाद सिर्फ बैटरी वाली कारें ही बिकनी थीं । सड़क के किनारे ऐसी कारों के लिए बनाए गए चार्ज प्वाइंट जगह जगह दिखे और मुझे तो अपने लिए ये छोटी वाली कार बहुत पसंद आई 😁

वर्ष 2025 के बाद इलेक्ट्रिक ड्राइव वाली कारें एमस्टर्डम की सड़कों पर राज करेंगी 
यूरोप की इस यात्रा में पहली बार किसी शाकाहारी खाद्य पदार्थ का प्रचार एमस्टर्डम में होते देखा। ये पकवान था फिंगर चिप्स। डच इसे Patat Frites कहते हैं। हमारे यहाँ जिस तरह आप आइस्क्रीम कोन में खाते हैं वैसे ही  ये यहाँ परोसी जाती है। पर ये ना समझ लीजिएगा उसके साथ सॉस मुफ्त में मिलेगी। उसके लिए आपको अलग से पैसे देने होंगे। पर यहाँ की फिंगर चिप्स तो शाकाहारी मिल सकती है पर सॉस के नाम पर कई नॉन वेज विकल्प भी होते हैं। अगर समय आपके पास हो तो एम्स्टर्डम की सबसे लोकप्रिय फिंगर चिप्स Vleminckx  में मिलती हैं।

फिंगर चिप्स वो भी इतनी सारी ! किसका मन ना ललच जाए 😋
पहले पहल अगर यूरोप में कदम रख रहे हों तो इन जीवित मूर्तियों से आपका सामना होता रहेगा। अब इन जनाब को अचानक देख के कौन तुरंत कहेगा कि ये मूर्ति नहीं पर रँगा पुता व्यक्ति बैठा हुआ है। वैसे कायदे से चलने वाले यूरोप में यहाँ एक नियम टूटता नज़र आ रहा है। बताइए तो क्या ? नहीं समझ आया, ग्रिल को ध्यान से देखिए उसमें स्पष्ट रूप से संकेत है कि यहाँ साइकिल खड़ी करना मना है पर मूर्तियों को इस नियम से छूट तो मिलनी ही चाहिए 😀

मूर्ति हो तो ऐसी  😉  (Photo courtesy my co traveler Jagdish Arora)

इंडोनेशिया, अर्जैंटीना, मेक्सिको, इटली, भारत , थाइलैंड.... असीमित खाद्य  विकल्पों की दुनिया है ये !

आपको जान कर आश्चर्य होगा कि एम्स्टर्डम में लगभग 180 देशों के लोग रहते हैं और वे यहाँ की आबादी का पैंतालीस फीसदी हिस्सा हैं। यही वज़ह है कि यहाँ की  फूड स्ट्रीट में आपको हर देश के रेस्त्राँ मिल जाएँगे। खाने के मामले में शाकाहारियों के लिए ये कोई खास फायदे वाली बात नहीं क्यूँकि हमारे जैसों को भारतीय व्यंजनों के आलावा कुछ सुहाता ही नहीं है। अब रैंचो और पिज्जा पिनो के बीच अगर बॉलीवुड मौजूद हो तो और कहीं  जाने का सवाल ही कहाँ उठता है?

एक RANCHO यहाँ भी ! सामिष भोजन के शौकीन हो तो इस स्ट्रीकहाउस में पधारें वर्ना.....

....वर्ना हमारे जैसे शाकाहारियों के लिए बॉलीवुड तो है ही

यूरोप के जिन भारतीय भोजनालयों में हम गए वहाँ मालिक का काम आपसे गुफ्तगू करना या आपसे पैसे लेना ही नहीं था। इन छोटे रेस्त्राँ में वे वेटर्स के साथ कंधे से कंधा मिला कर काम कर रहे थे। बॉलीवुड नाम था तो अंदर सजावट के नाम पर फिल्मी पोस्टर भी लगे थे। पर पोस्टर्स पर फिल्मों का चुनाव कुछ अटपटा जरूर था।

साइकिल में गियर हो ना हो कैरियर जरूरी है
एम्स्टर्डम से विदा लेने से पहले आपको इस शहर और शहर के लोगों से जुड़ा एक वीडियो दिखाना चाहूँगा। शहर को शहरवासियों की नज़रों से देखने का भी अलग आनंद है।  यूरोप यात्रा के अगले चरण में आपसे मुलाकात होगी बेल्जियम में...


यूरोप यात्रा में अब तक
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7 टिप्‍पणियां:

  1. बॉलीवुड में खाना जेब पर कितना भारी पड़ता है ???

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    1. अब ये तो पता नहीं क्यूँकि पैकेज टूर में ये सब आपके यात्रा खर्च में शामिल रहता है। पर खाने में सामान्यतः बीस यूरो प्रति व्यक्ति का खर्च तो आता ही होगा।

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  2. विडियो ने पूरा देश दिखा दिया।

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  3. हाँ संस्कृति रहन सहन के साथ शहर के मिज़ाज की झलक मिलती है इस वीडियो में..

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  4. आप भाग्यशाली हैं मनीष जी.. दुनिया घूम रहे हैं। आपकी नज़र से आज हमने भी एमस्टर्डम देख लिया। धन्यवाद।

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