जिंदगी एक यात्रा है और हम सभी इसके मुसाफ़िर हैं। पर कभी-कभी इस रोजमर्रा की राह से अलग हटने को जी चाहता है। भटकने को जी चाहता है और हम निकल पड़ते हैं एक अलग से सफ़र पर अलग सी दुनिया में। जब जब मैं किसी नई जगह के लिए निकलता हूँ मुझमें अंदर तक एक नई उर्जा समा जाती है। मुझे आज तक कुल मिलाकर अपना हर सफ़र, हर जगह कुछ विशिष्ट सी लगी है। इसी विशिष्टता को मैं अपने यात्रा वृत्तांतों में शामिल करने की कोशिश करता हूँ।
खैर सवाल है कि ये नया चिट्ठा क्यूँ ? अपनी यायावरी के किस्से एक शाम मेरे नाम पर संगीत और साहित्य के साथ परोसता ही आया हूँ।
एक चिट्ठे को सँभालने के लिए ही फुर्सत नहीं मिलती तो ये दूसरा क्या खाक सँभलेगा ?
पहले प्रश्न का जवाब तो ये है कि पत्रकारों द्वारा चिट्ठाकारिता पर लिखे शुरुआती लेखों पर ये शिकायत भी पढ़ी कि हिंदी में कोई प्रतिबद्ध यात्रा चिट्ठा यानि Travel Blog नहीं है। हालांकि तब तक मैंने ये देखा था कि हमारे साथी चिट्ठाकार नियमित रूप से तो नहीं पर बीच-बीच में अपनी यात्राओं के विवरण देते ही रहे हैं। इधर मेरी नज़र में कुछ चिट्ठे आए हैं जिन्होंने यात्रा को अपने चिट्ठे की मुख्य थीम बनाया है। हालांकि वे अब तक किसी एग्रगेटर से नहीं जुड़े हैं। इस चिट्ठे के माध्यम से मेरी कोशिश रहेगी कि हिंदी में यात्रा विवरण लिखने वालों को नियमित चर्चा यहाँ पर हो। जो लोग चिट्ठाकार नहीं हैं पर अपनी यात्राओं के बारे में रोचक तरीके से हिंदी में लिख सकते हैं उनके लेख भी मुझे इस चिट्ठे पर शामिल करने में खुशी होगी।
साथ ही साथ ही अपने यात्रा वृत्तातों को संकलित रूप में मैं इस चिट्ठे पर डालूँगा जिनसे उन लोगों की शिकायत दूर होगी जो हिस्सों में पढ़ने के बजाए एक बार ही में पूरा आलेख पढ़ना चाहते हैं।
रही सँभालने की बात तो विषय आधारित चिट्ठों की प्रकृति ऍसी है कि वो आम चिट्ठों जैसे सक्रिय नहीं रह सकते। फिर भी ये प्रयास रहेगा कि बीच बीच में यात्रा से जुड़ी उपयोगी और दिलचस्प जानकारियाँ आप तक पहुँचाता रहूँ। आपके सुझाव और शुभकामनाएँ अपेक्षित हैं।
खैर सवाल है कि ये नया चिट्ठा क्यूँ ? अपनी यायावरी के किस्से एक शाम मेरे नाम पर संगीत और साहित्य के साथ परोसता ही आया हूँ।
एक चिट्ठे को सँभालने के लिए ही फुर्सत नहीं मिलती तो ये दूसरा क्या खाक सँभलेगा ?
पहले प्रश्न का जवाब तो ये है कि पत्रकारों द्वारा चिट्ठाकारिता पर लिखे शुरुआती लेखों पर ये शिकायत भी पढ़ी कि हिंदी में कोई प्रतिबद्ध यात्रा चिट्ठा यानि Travel Blog नहीं है। हालांकि तब तक मैंने ये देखा था कि हमारे साथी चिट्ठाकार नियमित रूप से तो नहीं पर बीच-बीच में अपनी यात्राओं के विवरण देते ही रहे हैं। इधर मेरी नज़र में कुछ चिट्ठे आए हैं जिन्होंने यात्रा को अपने चिट्ठे की मुख्य थीम बनाया है। हालांकि वे अब तक किसी एग्रगेटर से नहीं जुड़े हैं। इस चिट्ठे के माध्यम से मेरी कोशिश रहेगी कि हिंदी में यात्रा विवरण लिखने वालों को नियमित चर्चा यहाँ पर हो। जो लोग चिट्ठाकार नहीं हैं पर अपनी यात्राओं के बारे में रोचक तरीके से हिंदी में लिख सकते हैं उनके लेख भी मुझे इस चिट्ठे पर शामिल करने में खुशी होगी।
साथ ही साथ ही अपने यात्रा वृत्तातों को संकलित रूप में मैं इस चिट्ठे पर डालूँगा जिनसे उन लोगों की शिकायत दूर होगी जो हिस्सों में पढ़ने के बजाए एक बार ही में पूरा आलेख पढ़ना चाहते हैं।
रही सँभालने की बात तो विषय आधारित चिट्ठों की प्रकृति ऍसी है कि वो आम चिट्ठों जैसे सक्रिय नहीं रह सकते। फिर भी ये प्रयास रहेगा कि बीच बीच में यात्रा से जुड़ी उपयोगी और दिलचस्प जानकारियाँ आप तक पहुँचाता रहूँ। आपके सुझाव और शुभकामनाएँ अपेक्षित हैं।
बढिया प्रयास, नये यात्रा विवरण को इंतजार रहेगा!
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें
मनीष दिन में चैट हो रही थी तो अंदाज़ा नहीं था कि आज ही तुम लॉन्च कर दोगे । बधाई हो । हम तुम्हारे सहयात्री हैं ।
जवाब देंहटाएंमनीष भाई,
जवाब देंहटाएंएक्दम मस्त आइडीया है "यात्रा विवरण " के लिये मैँ भी एक पोस्ट आपको भेजना चाहती हूँ
बताइये, कैसे भेजूँ ?
स्नेह,
- लावण्या
नितिन केरल प्रवास का यात्रा विवरण एक शाम मेरे नाम पर चल रहा है। यहाँ पूरा हो जाने पर इकठ्ठा पेश किया जाएगा.
जवाब देंहटाएंयूनुस शुक्रिया !
लावण्या जी आपको मेल कर दिया है।
जवाब देंहटाएंमैं इस चिट्ठे पर फिलहाल साप्ताहिक यात्रा विवरणों की समीक्षात्मक चर्चा करने की सोच रहा हूँ जिसमें तमाम हिंदी चिट्ठाकार जो बीच-बीच में अपने यात्रा वृत्तांत लिखते हैं की अच्छी पोस्टस का जिक्र लिंक के साथ हो ताकि चिट्ठाजगत के बाहर का पाठक भी ऍसी पोस्ट्स तक पहुँच सके।
आप अपना यात्रा विवरण अपने चिट्ठे पर डालें और हो सके तो उसकी लिंक मुझे मेल कर दें।
इस नवीन सत्प्रयास के लिए हार्दिक शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंवाह ! ये तो बहुत बढ़िया शुरुआत है।
जवाब देंहटाएंमनीष जी इस नए चिट्ठे के लिए आपको बधाई और शुभकामनाएं।
कैसा अजब संयोग है कि मैंने भी अभी-अभी पत्रिका के एक अंक पर काम पूरा किया है जो यात्रा-संस्मरण,यात्रा-डायरी,यात्रा-रिपोर्ताज़,यात्रा निबंध और यात्रा कविताओं पर केन्द्रित है . पांच सौ से ज्यादा पृष्ठों का यह संकलन पन्द्रह-बीस दिन में उपलब्ध होगा .
जवाब देंहटाएंमनीष जी मेरी भी कई यात्राएं ब्लॉग पे जाने का इंतज़ार कर रही हैं... इस नेक काम के लिए धन्यवाद... कुछ लिखने पर लिंक भेजता हूँ.
जवाब देंहटाएंजरूर डालियेगा बस एक बात है ही विनोद दुआ की तरह रस्ते के ढाबो या कुछ ऐसे खाने या उन चीजों के बारे मे भी लिखे जो आपने ख़ुद अनुभव किए हो ओर आपको लगता है उन्हें भी तव्वाजो देने की जरुरत है जैसे कोई ऐसा स्थल जो शायद बहुत प्रसिद्ध ना हो पर आपने उसमे बहुत सुन्दरता पाई हो.......
जवाब देंहटाएंअनुराग आपने सही कहा ये बातें भी उतनी ही महत्त्वपूर्ण हैं और इनसे लेखन में एक personal touch आता है।। मैं वही लिखने का प्रयास भी करता हूँ जो मेरे अनुभव रहते हैं। खाने पीने की बात से याद आया अभी कोचीन की यात्रा में अप्पम जो मैंने पहली बार देखा था का विस्तृत विवरण था।
जवाब देंहटाएंword verification अमूमन मैं लगाता नहीं। यहाँ डिफॉल्ट में था इसलिए ध्यान नहीं गया अब हटा दिया है।
ममता जी, अभिषेक जी और अफ़लू भाई शुभकामनाओ का शुक्रिया
जवाब देंहटाएंप्रियंकर जी आपने एक बार मुझसे अपनी पत्रिका के लिए यात्रा वृत्तांत लेने की इच्छा ज़ाहिर की थी पर उसके बाद शायद आप भूल गए। आपके यात्रा विशेषांक के लिए अग्रिम शुभकामनाएँ।
स्वागत एवं बधाई
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